Nepal political crisis -नेपाल में गहराया सियासी संकट
नेपाल में सोशल मीडिया बैन को लेकर भड़के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। काठमांडू समेत कई शहरों में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और संसद तक घुस गए। हालात बिगड़ने के बाद नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
गृह मंत्री का इस्तीफा
द हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रमेश लेखक ने कहा –
“मैं प्रदर्शनों के दौरान हुई जानमाल की हानि की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं और पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।”
उन्होंने इस्तीफा प्रधानमंत्री केपी ओली को सौंप दिया है।
सोशल मीडिया बैन से भड़का गुस्सा
नेपाल सरकार ने हाल ही में Facebook, YouTube समेत कई सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगाया था। इसके खिलाफ युवाओं, खासकर Gen-Z वर्ग ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू किया।
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प्रदर्शनकारियों ने संसद पर धावा बोला।
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पीएम केपी ओली के पैतृक घर पर पथराव हुआ।
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पुलिस ने हालात काबू करने के लिए चेतावनी स्वरूप फायरिंग की।
मौतों का आंकड़ा 21 तक पहुंचा
काठमांडू में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है। कई घायल अस्पताल में भर्ती हैं।
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काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार संसद भवन के अंदर से भी गोलियों की आवाजें सुनाई दीं।
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भैरहवा और बुटवल में कर्फ्यू लगाया गया है।
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पीएम ओली का बयान
कैबिनेट मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री केपी ओली ने कहा –
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“ये प्रदर्शन लोकतंत्र पर हमला है।”
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“हिंसा की जांच के लिए एक कमिटी बनाई जाएगी।”
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“सरकार उपद्रवी Gen-Z प्रदर्शनकारियों के आगे नहीं झुकेगी।”
भारत-नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाई गई
नेपाल में हिंसा और तनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। पुलिस और प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि कोई अप्रिय स्थिति न हो।

निष्कर्ष
नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ Gen-Z प्रोटेस्ट अब राजनीतिक संकट में बदल गया है। गृह मंत्री के इस्तीफे और 21 मौतों के बाद सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विपक्ष लगातार सरकार पर दबाव बना रहा है और हालात जल्द सुधरने के आसार फिलहाल कम दिख रहे हैं।

