Nepal First Woman PM Sushila Karki-
काठमांडू/नई दिल्ली। नेपाल में राजनीतिक हलचल के बीच पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने देश की कमान संभाल ली है। कार्की ने शुक्रवार देर रात नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार को 6 महीने के भीतर संसदीय चुनाव कराने का अधिकार दिया गया है।
📌 भारत का पहला बयान
भारत ने शनिवार (13 सितंबर, 2025) को सुशीला कार्की की सरकार का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि यह कदम नेपाल में शांति और स्थिरता लाएगा।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने बयान में कहा:
👉 “हम सुशीला कार्की के नेतृत्व में नेपाल में नई अंतरिम सरकार के गठन का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। एक करीबी पड़ोसी, लोकतांत्रिक देश और दीर्घकालिक विकास साझेदार के रूप में भारत नेपाल के साथ मिलकर दोनों देशों और लोगों की भलाई और समृद्धि के लिए काम करना जारी रखेगा।”
📌 राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने काठमांडू स्थित राष्ट्रपति निवास में कार्की को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर नेपाल के मुख्य न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिकारी, सुरक्षा प्रमुख और कई विदेशी राजनयिक मौजूद रहे।
73 वर्षीय कार्की ने केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली है।
📌 BHU से पढ़ाई कर चुकी हैं कार्की
नेपाल की नई प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है। मुख्य न्यायाधीश रहते हुए अपनी ईमानदारी और निष्पक्षता के लिए वह जानी जाती रही हैं। उन्हें राष्ट्रपति, सेना प्रमुख और विभिन्न जनआंदोलनों के नेताओं के बीच सहमति के बाद चुना गया।
📌 चीन समर्थक ओली को देना पड़ा इस्तीफा
पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफे के बाद भारत पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अगर वह राम जन्मभूमि, लिपुलेख और कालापानी विवाद जैसे मुद्दों पर अड़े नहीं रहते तो उन्हें कई फायदे मिल सकते थे। लेकिन उन्होंने साफ कहा कि उन्हें पद का कोई लालच नहीं है।
ओली लंबे समय से चीन समर्थक माने जाते रहे हैं और प्रधानमंत्री बनने के बाद उनका पहला विदेशी दौरा भारत के बजाय चीन का था।
