
National Film Awards -बॉलीवुड के लिए ऐतिहासिक दिन: शाहरुख, विक्रांत और रानी को मिला पहला राष्ट्रीय सम्मान
दिल्ली में शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 को 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की घोषणा की गई। इस साल हिंदी सिनेमा के लिए यह अवॉर्ड्स ऐतिहासिक रहे क्योंकि तीन दिग्गज कलाकारों – शाहरुख खान, विक्रांत मैसी और रानी मुखर्जी को पहली बार यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला।
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बेस्ट एक्टर: शाहरुख खान (फिल्म ‘जवान’) और विक्रांत मैसी (फिल्म ’12th फेल’)
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बेस्ट एक्ट्रेस: रानी मुखर्जी (फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’)
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बेस्ट हिंदी फिल्म: कटहल
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बेस्ट डायलॉग राइटर: दीपक किंगरानी – सिर्फ एक बंदा काफी है
रानी मुखर्जी का भावुक संदेश: “ये अवॉर्ड दुनिया की सभी माताओं को समर्पित”
रानी ने अपने पहले नेशनल अवॉर्ड पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“मैं अभिभूत हूं। 30 साल के करियर में यह मेरा पहला नेशनल अवॉर्ड है। मैं इसे दुनिया की सभी माताओं को समर्पित करती हूं जो अपने बच्चों की रक्षा के लिए हर लड़ाई लड़ती हैं।”
उनकी फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे एक सच्ची कहानी पर आधारित है, जो मातृत्व की ताकत और संघर्ष को उजागर करती है।
शाहरुख खान को ‘जवान’ के लिए मिला पहला नेशनल अवॉर्ड
35 साल के शानदार करियर में किंग खान को पहली बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला है। ‘जवान’ में शाहरुख ने डबल रोल निभाया था। यह फिल्म एक्शन-थ्रिलर थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़े और अब नेशनल अवॉर्ड से भी नवाजी गई।
विक्रांत मैसी को ’12th फेल’ के लिए मिला बेस्ट एक्टर अवॉर्ड
विक्रांत मैसी की फिल्म ’12th फेल’ आईपीएस ऑफिसर मनोज शर्मा की जीवन गाथा पर आधारित थी। फिल्म में उन्होंने संघर्ष, मेहनत और इंस्पिरेशन को बखूबी दिखाया, जो उन्हें बेस्ट एक्टर का खिताब दिलाने में सफल रहा।
कटहल बनी बेस्ट हिंदी फिल्म
सत्यान्वेषी कॉमेडी ड्रामा ‘कटहल’ को इस साल की सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म घोषित किया गया। यह फिल्म समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों को हास्य और व्यंग्य के ज़रिए उठाती है।
द केरल स्टोरी को बेस्ट सिनेमेटोग्राफी अवॉर्ड
द केरल स्टोरी को शानदार कैमरा वर्क के लिए बेस्ट सिनेमेटोग्राफी कैटेगरी में अवॉर्ड मिला।
अन्य प्रमुख अवॉर्ड्स सूची
सिंगिंग और स्क्रीनप्ले कैटेगरी:
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बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर: PVNS रोहित (तेलुगू फिल्म ‘बेबी’)
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बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर: शिल्पा राव (फिल्म ‘जवान’ का गाना ‘चलेया’)
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बेस्ट स्क्रीनप्ले: ‘बेबी’ (तेलुगू), ‘पार्किंग’ (तमिल)
नॉन-फीचर फिल्म अवॉर्ड्स:
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बेस्ट डायरेक्टर: पीयूष ठाकुर – द फर्स्ट फिल्म
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बेस्ट डॉक्युमेंट्री: गॉड, वल्चर एंड ह्यूमन
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बेस्ट शॉर्ट फिल्म: गिद्ध द स्कैवेंजर
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बेस्ट नॉन-फीचर फिल्म: द फ्लॉवरिंग मैन
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बेस्ट साउंड डिजाइन: धुंधगिरी के फूल
क्षेत्रीय भाषाओं में भी दिखा टैलेंट
भाषा | बेस्ट फिल्म |
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हिंदी | कटहल |
तमिल | पार्किंग |
तेलुगू | भगवंत केसरी |
मराठी | श्यामचि आई |
पंजाबी | गोड्डे गोड्डे चा |
मलयालम | उल्लुझुकु |
ओडिया | पुष्कर |
बंगाली | डीप फ्रीज |
असमी | रोंगातपु |
गुजराती | वश |

नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स का इतिहास
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शुरुआत: 1954 में भारत सरकार ने किया था नेशनल अवॉर्ड्स का आगाज
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पहला बेस्ट फीचर फिल्म अवॉर्ड: ‘श्यामची आई’ (मराठी)
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दादासाहेब फाल्के पुरस्कार: 1969 से शुरू, अब तक 54 लोग सम्मानित
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सबसे कम उम्र में बेस्ट एक्ट्रेस: स्मिता पाटिल (25 वर्ष में)
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सबसे अधिक अवॉर्ड: शबाना आज़मी (5 बार)
विवाद और चर्चाएं भी बनी रहीं सुर्खियां
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ब्लैक फिल्म पर विवाद: एडैप्शन होने के बावजूद मिला नेशनल अवॉर्ड
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किरण खेर का डबिंग विवाद: रीता कोइराला ने आवाज देने का दावा किया
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65वें अवॉर्ड्स में बहिष्कार: 68 विनर्स ने राष्ट्रपति से अवॉर्ड न मिलने पर किया इंकार
क्या मिलता है नेशनल अवॉर्ड विजेताओं को?
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स्वर्ण कमल या रजत कमल मेडल
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नकद इनाम
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राष्ट्रीय पहचान और फिल्म उद्योग में प्रतिष्ठा