
Mungeli Murder News -रथयात्रा के दिन दोस्त बने कातिल: युवक की हत्या कर नदी में फेंका शव, सीने पर 15 वार
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में रथयात्रा के दिन एक रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात सामने आई है। चार दोस्तों ने मिलकर युवक को पहले जमकर पीटा, फिर धारदार हथियार से हमला कर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को हाथ-पैर बांधकर नदी में फेंक दिया गया।
घटना लोरमी थाना क्षेत्र की है। मृतक की पहचान दशरथ वर्मा (22) निवासी डबरीपारा वार्ड क्रमांक 2 के रूप में हुई है।
27 जून की शाम को हुआ था गायब
दशरथ वर्मा 27 जून की शाम अपने दोस्तों के साथ घूमने की बात कहकर घर से निकला था। रात तक जब वह नहीं लौटा, तो परिजनों को चिंता हुई और उन्होंने उसकी तलाश शुरू कर दी।
28 जून को गुमशुदगी दर्ज
अगले दिन यानी 28 जून को दशरथ के छोटे भाई संजय वर्मा ने लोरमी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल युवक की खोज शुरू की और उसके दोस्तों से पूछताछ शुरू की।
नदी किनारे मिला शव: हाथ-पैर बंधे, सीने पर कई वार

पुलिस को सूचना मिली कि मनियारी नदी के कंकालिन मंदिर घाट के पास पानी में एक युवक की लाश तैरती हुई दिखाई दी है। मौके पर पहुंचकर SDRF की मदद से शव को बाहर निकाला गया।
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शव के हाथ-पैर बंधे हुए थे
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सीने पर 12 से 15 घाव के निशान थे
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शव की पहचान संजय वर्मा ने अपने भाई दशरथ के रूप में की
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया।
ऐसे हुई आरोपियों की गिरफ्तारी
28 जून की शाम पुलिस एक अन्य मारपीट के मामले की जांच कर रही थी। इस दौरान चार संदिग्ध नशे की हालत में पकड़े गए। पूछताछ के दौरान एक युवक ने कबूल किया कि उसकी दशरथ से पुरानी रंजिश थी।
हत्या की योजना और क्रियान्वयन
चारों दोस्तों ने मिलकर योजना बनाई और दशरथ को मनियारी नदी के कंकालिन मंदिर घाट पर ले गए। वहां उसे पहले पीटा गया और फिर धारदार हथियार से मारकर हत्या कर दी।
हथियार की तलाश में जुटी पुलिस
लोरमी थाना प्रभारी अखिलेश वैष्णव ने बताया कि एक आरोपी पर पहले से दो आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। चारों से पूछताछ जारी है और हत्या में उपयोग किए गए हथियार की तलाश की जा रही है।
निष्कर्ष
मुंगेली जिले में हुई यह घटना दोस्ती के नाम पर धोखे और हत्या की क्रूर मिसाल बन गई है। यह वारदात न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि सामाजिक रिश्तों की गंभीरता को भी दर्शाती है। पुलिस की सक्रियता से चारों आरोपी गिरफ्त में हैं, लेकिन यह घटना कई सवाल खड़े करती है — क्या वाकई हम अपने सबसे करीबी लोगों पर भरोसा कर सकते हैं?
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