Muktidham News -बिल्हा के मुक्तिधाम में अव्यवस्था देखने के बाद हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कहा— गरिमापूर्ण अंतिम संस्कार हर नागरिक का मौलिक अधिकार
रायपुर/बिलासपुर:छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुक्तिधामों की बदहाल स्थिति पर गंभीर रुख अपनाया है। कोर्ट ने सभी 33 जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों के सभी मुक्तिधामों की ताजा तस्वीरों सहित विस्तृत रिपोर्ट 8 दिसंबर 2025 तक प्रस्तुत करें।
हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस ए.के. प्रसाद की डिवीजन बेंच ने साफ कहा कि, “गरिमापूर्ण अंतिम संस्कार संविधान के तहत जीवन के अधिकार का हिस्सा है।” कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि हर मुक्तिधाम में बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
🔹 चीफ जस्टिस ने खुद देखा था अव्यवस्था

29 सितंबर को बिल्हा के रहंगी मुक्तिधाम में जब चीफ जस्टिस एक अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे, तो वहां की गंदगी, टूटी सड़कें और पानी की कमी देखकर नाराज हो गए। उन्होंने तत्काल इस मामले को जनहित याचिका (PIL) के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया।
🔹 राज्य सरकार ने सौंपी रिपोर्ट

सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने बताया कि मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और शहरी प्रशासन विभाग ने 6 व 8 अक्टूबर को मुक्तिधामों के रखरखाव के लिए गाइडलाइन जारी की है। इनमें सफाई, पेयजल, बाउंड्री, शेड की मरम्मत और शौचालय जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा गया है।
🔹 कोर्ट बोला— “सिर्फ आदेश नहीं, अमल दिखे”
हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि केवल निर्देश जारी करना पर्याप्त नहीं है। सभी कलेक्टर सुनिश्चित करें कि गाइडलाइन का अक्षरशः पालन हो और रिपोर्ट फोटो सहित कोर्ट में पेश की जाए।
🔹 बिलासपुर कलेक्टर ने सुधार का हलफनामा दिया
कलेक्टर ने कोर्ट को बताया कि रहंगी मुक्तिधाम में अब सफाई, पानी की व्यवस्था और प्रतीक्षालय बना दिया गया है। साथ ही मुख्य सड़क से मुक्तिधाम तक सीसी रोड निर्माण के लिए 10 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।
