Maratha Reservation -आजाद मैदान खाली करा रही पुलिस, जरांगे पाटिल का ऐलान- गाड़ियां मुंबई से बाहर जाएंगी, सिर्फ 5000 लोग रहेंगे
मुंबई। मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर मुंबई के आजाद मैदान (Azad Maidan Protest) में हलचल तेज हो गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मैदान खाली कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बीच आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने बड़ा ऐलान किया कि आंदोलन स्थल पर सिर्फ 5000 लोग ही रहेंगे, जबकि बाकी प्रदर्शनकारी अपनी गाड़ियां लेकर मुंबई से बाहर चले जाएंगे।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों में बहस
मुंबई पुलिस ने दोपहर 3 बजे तक आजाद मैदान खाली कराने का अल्टीमेटम दिया है। इसके चलते पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच जमकर बहस हुई। पुलिस प्रशासन आंदोलनकारियों को शांतिपूर्ण ढंग से मैदान खाली करने के लिए समझा रहा है। हालांकि, कई प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक जरांगे पाटिल खुद आदेश नहीं देंगे, वे मैदान नहीं छोड़ेंगे।
जरांगे पाटिल का बयान
जरांगे पाटिल ने कहा था कि वे अपनी मांगें पूरी होने तक मुंबई नहीं छोड़ेंगे, भले ही उनकी जान क्यों न चली जाए। उन्होंने समर्थकों से शांति बनाए रखने और हिंसा से दूर रहने की अपील की। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चेतावनी दी कि अगर सरकार मराठा समाज का सम्मान करेगी तो वे भी सरकार का सम्मान करेंगे।

हाईकोर्ट का कड़ा रुख
सोमवार को सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि मराठा आरक्षण प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं रहा और सभी शर्तों का उल्लंघन किया गया है। कोर्ट ने जरांगे पाटिल और उनके समर्थकों को मंगलवार तक आजाद मैदान और मुंबई के अन्य इलाकों को खाली करने का आदेश दिया।
महाराष्ट्र के महाधिवक्ता बिरेंद्र सराफ ने कोर्ट को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने अनुमति की शर्तें तोड़ीं और तय समय से ज्यादा वक्त तक डटे रहे।
भारी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारी
जानकारी के मुताबिक, आजाद मैदान में प्रदर्शन की अनुमति केवल एक दिन और 5000 लोगों तक सीमित थी। लेकिन जरांगे पाटिल के नेतृत्व में करीब 35,000 से 45,000 लोग मुंबई पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने आजाद मैदान के अलावा सीएसटीएम, मरीन ड्राइव और पी डी’मेलो रोड जैसी सड़कों को भी जाम कर दिया, जिससे दक्षिण मुंबई में भारी ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था हो गई।
प्रदर्शनकारी जाएंगे हाईकोर्ट
प्रदर्शन के आयोजक वीरेंद्र पवार ने बताया कि पुलिस ने आंदोलन जारी रखने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। इसके खिलाफ प्रदर्शनकारी बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करेंगे। उन्होंने कहा कि मराठा समाज की ओर से वरिष्ठ वकील सतीश मानेशिंदे अदालत में पक्ष रखेंगे।

क्या है जरांगे की मांग?
मनोज जरांगे पाटिल की मुख्य मांग है कि मराठा समुदाय को ओबीसी (OBC) श्रेणी के तहत 10% आरक्षण दिया जाए। उन्होंने यह भी मांग रखी है कि मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को कुंभी जाति के रूप में मान्यता देकर ओबीसी कोटा का लाभ दिया जाए। इसके लिए सरकार से तत्काल सरकारी प्रस्ताव (GR) जारी करने की अपील की गई है।
👉 कुल मिलाकर, आजाद मैदान में मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। एक ओर पुलिस कोर्ट के आदेश का पालन करवाना चाहती है, वहीं दूसरी ओर जरांगे पाटिल और उनके समर्थक आरक्षण की मांग पर अड़े हुए हैं।

