Mahatma Gandhi Statue Vandalised in London: 2 अक्टूबर गांधी जयंती से ठीक पहले ब्रिटेन की राजधानी लंदन से एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां टैविस्टॉक स्क्वायर पर स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की गई और चबूतरे पर भड़काऊ व अशोभनीय चित्र बनाए गए। घटना 29 सितंबर 2025 (सोमवार) को हुई, जिसके बाद भारतीय उच्चायोग ने इसे “गांधी की विरासत और अहिंसा के विचार पर हिंसक हमला” बताया है।
भारतीय उच्चायोग ने जताई कड़ी आपत्ति
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा कि यह घटना न केवल महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहिंसा के सिद्धांत पर भी हमला है।
उच्चायोग के अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर प्रतिमा को ठीक कराने की प्रक्रिया शुरू की।
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस से पहले हमला

याद दिला दें कि संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non-Violence) के रूप में मान्यता दी है। हर साल इस दिन लंदन स्थित इसी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है और गांधीजी के प्रिय भजन गाए जाते हैं।
भारतीय मिशन का कहना है कि 2 अक्टूबर से ठीक पहले यह घटना हुई है, जिससे साफ है कि यह एक सोची-समझी और दुर्भावनापूर्ण हरकत है।
कांस्य प्रतिमा का इतिहास
इस प्रतिमा का अनावरण 1968 में किया गया था।
इसे इंडिया लीग के सहयोग से स्थापित किया गया था।
यह स्मारक गांधीजी के लंदन प्रवास (जब वे यूनिवर्सिटी कॉलेज में कानून की पढ़ाई कर रहे थे) की याद में बनाया गया था।
प्रतिमा में महात्मा गांधी को ध्यानमग्न मुद्रा में दर्शाया गया है।
चबूतरे पर शिलालेख लिखा है – “महात्मा गांधी, 1869-1948”।
जांच में जुटा ब्रिटिश प्रशासन
घटना की जानकारी मिलते ही मेट्रोपॉलिटन पुलिस और कैमडेन काउंसिल ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस तोड़फोड़ के पीछे शामिल आरोपियों की पहचान कर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
गांधी जयंती से पहले हुई यह घटना भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए गहरी चिंता का विषय है। भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और साफ किया है कि महात्मा गांधी की विरासत और उनके अहिंसा के संदेश को किसी भी हाल में आहत नहीं होने दिया जाएगा।
