
जनभागीदारी से होगा भू-जल संरक्षण और संवर्धन का संकल्प
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य में गिरते भू-जल स्तर को नियंत्रित करने और जल उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से ‘संगम अभियान’ की शुरुआत की है। यह अभियान जनप्रतिनिधियों, महिला समूहों, पंचायत कर्मियों और विभिन्न विभागों के सहयोग से जनभागीदारी के माध्यम से संचालित किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक प्रयासों से भू-जल संरक्षण और संवर्धन सुनिश्चित करना है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी, खेती और घरेलू उपयोग के लिए जल संकट एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए, प्रत्येक ग्राम पंचायत में GIS आधारित जल संचय और आजीविका संवर्धन योजना तैयार की जाएगी, जिसे ग्राम पंचायत विकास योजना में शामिल किया जाएगा।
इस अभियान के अंतर्गत, 24 अप्रैल को सभी पंचायत भवनों की दीवारों पर संबंधित ग्राम पंचायत का भू-जल स्तर (मीटर में) अंकित किया जाएगा। साथ ही, खुले कुओं का जलस्तर वर्ष में दो बार ‘जलदूत ऐप’ के माध्यम से मापा जाएगा और इसका डेटा अपलोड किया जाएगा।
भू-जल रिचार्ज के लिए ‘कैच द रेन’, ‘वाटरशेड’ और ‘महात्मा गांधी नरेगा’ जैसी योजनाओं को एकीकृत करते हुए रिचार्ज संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इसके तहत रिचार्ज पिट, सैंड फिल्टर, लूज बोल्डर चेक डैम, कंटूर ट्रेंच, अमृत सरोवर और वृक्षारोपण जैसी गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, शासकीय भवनों और ग्रामीण आवासों में वर्षा जल संचयन (रेनवॉटर हार्वेस्टिंग) को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
ग्राम सभाओं में समुदाय को “पर्याप्त जल युक्त गांव” का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह अभियान जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बन सकता है, जिसमें जनता की सक्रिय भागीदारी से जल संरक्षण के लक्ष्य को साकार किया जा सकेगा।