
LPG subsidy Update
LPG subsidy Update – एलपीजी पर 35,000 करोड़ की सब्सिडी देगी सरकार, IOC-BPCL-HPCL को होगा नुकसान की भरपाई
नई दिल्ली: एलपीजी उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को भारी सब्सिडी देने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) को 30,000 से 35,000 करोड़ रुपये तक का मुआवजा देने पर विचार कर रही है।
15 महीने से हो रहा है नुकसान, अब मिल सकती है राहत
पिछले 15 महीनों में इन कंपनियों को लागत से कम मूल्य पर एलपीजी बेचने की वजह से भारी घाटा उठाना पड़ा है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय इस घाटे की भरपाई के लिए आवश्यक तंत्र और प्रस्ताव पर काम कर रहा है।
32,000 करोड़ रुपये जुटाए गए उत्पाद शुल्क से
भले ही वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में एलपीजी सब्सिडी के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया था, लेकिन अप्रैल में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि करके सरकार ने लगभग 32,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाया है। संभावना जताई जा रही है कि यही अतिरिक्त राजस्व एलपीजी नुकसान की भरपाई में उपयोग किया जाएगा।
सरकारी कंपनियों के लिए राहत योजना तैयार
सरकारी अधिकारी ने कहा,
“तेल विपणन कंपनियां सरकार के अधीन हैं, इसलिए नुकसान की भरपाई की जाएगी। हम इस बात का मूल्यांकन कर रहे हैं कि बचा हुआ घाटा कितना है और किस तरीके से कंपनियों को मुआवजा दिया जाए।”
नागरिकों को महंगाई से बचाने की कवायद
सरकार घरेलू रसोई गैस (LPG) की कीमतों को नियंत्रित करती है ताकि आम नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय दरों की मार से बचाया जा सके। आमतौर पर एलपीजी की घरेलू कीमतें अंतरराष्ट्रीय मानक सऊदी सीपी (Saudi CP) से कम होती हैं। चूंकि भारत में LPG उत्पादन घरेलू मांग को पूरी तरह पूरा नहीं करता, इसलिए आयात अनिवार्य है, जिससे घाटा होता है।
14.2 किलोग्राम सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये की बढ़ोतरी
वित्त वर्ष 2024-25 में तेल कंपनियों की LPG बिक्री पर अनुमानित घाटा 40,500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। हाल ही में सरकार ने 14.2 किलो के सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की वृद्धि की थी ताकि लागत और बिक्री मूल्य के अंतर को कुछ हद तक कम किया जा सके।
पिछली सब्सिडी और मौजूदा योजना
सरकार पहले ही FY 2021-22 और 2022-23 के लिए IOC, BPCL और HPCL को 22,000 करोड़ रुपये का मुआवजा दे चुकी है। यह मुआवजा उन पर पड़े कुल 28,249 करोड़ रुपये के घाटे की आंशिक भरपाई थी। अब दो वित्तीय वर्षों में 35,000 करोड़ रुपये की नई सब्सिडी योजना पर विचार हो रहा है।
समेकित कोष से किया जाएगा भुगतान
वित्त मंत्रालय यह योजना बना रहा है कि हालिया उत्पाद शुल्क वृद्धि से प्राप्त अतिरिक्त राजस्व को भारत सरकार के समेकित कोष (Consolidated Fund of India) के माध्यम से तेल कंपनियों को कैसे वितरित किया जाए। एक बार प्रस्ताव तैयार होने के बाद, उसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
तेल कंपनियां करेंगी पूंजीगत उपयोग
प्रस्ताव के अनुसार, जब कंपनियों को मुआवजे की राशि जारी की जाएगी, तब यह उनका विशेषाधिकार होगा कि वे इसका इस्तेमाल कैसे करें, चाहे वह पूंजीगत व्यय हो या परिचालन पूर्ति।
निष्कर्ष
सरकार का यह कदम महंगाई नियंत्रण और उपभोक्ता राहत दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। साथ ही यह तेल कंपनियों की वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए भी अहम है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह सब्सिडी योजना लागू होती है, तो यह भारत की अब तक की सबसे बड़ी LPG सब्सिडी हस्तांतरण योजना में से एक होगी।
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