
Land For Jobs Scam
Land For Jobs Scam: सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, लालू यादव को कार्यवाही से छूट मात्र
दिल्ली हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने जमीन के बदले नौकरी घोटाले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ट्रायल कोर्ट की सुनवाई जारी रहेगी, हालांकि लालू यादव को व्यक्तिगत पेशी से राहत जरूर दे दी गई है।
याचिका में क्या मांग की गई थी?
लालू यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर CBI की एफआईआर और 2022, 2023, 2024 में दाखिल तीन चार्जशीट और संज्ञान आदेशों को रद्द करने की गुहार लगाई थी। उन्होंने तर्क दिया कि यह मामला 14 साल बाद दर्ज किया गया है, जबकि CBI पहले इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर चुकी थी। उन्होंने इसे प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया और दावा किया कि उन्हें गैरकानूनी जांच का सामना करना पड़ रहा है, जो उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
हाईकोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत
सुप्रीम कोर्ट पहुंचने से पहले, लालू यादव ने दिल्ली हाईकोर्ट में भी यही मांग रखी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई मजबूत आधार नहीं है। हाईकोर्ट ने CBI से जवाब मांगा था और अगली सुनवाई 12 अगस्त तय की थी।
मामला क्या है?
यह मामला लालू यादव के रेल मंत्री कार्यकाल (2004-2009) के दौरान हुई ग्रुप-D की भर्तियों से जुड़ा है। CBI के अनुसार, उम्मीदवारों को नौकरी देने के बदले में उनके परिवारों से लालू यादव के रिश्तेदारों या करीबियों के नाम जमीन के टुकड़े ट्रांसफर करवाए गए। यह केस 18 मई 2022 को दर्ज हुआ था, जिसमें लालू यादव, उनकी पत्नी, दो बेटियाँ, कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारी और निजी व्यक्ति आरोपी बनाए गए।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी बढ़ी कानूनी मुश्किलें
इस केस से जुड़ा एक मनी लॉन्ड्रिंग मामला भी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 14 मई को दिल्ली की अदालत को बताया कि लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल चुकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 मई को सीआरपीसी की धारा 197(1) के तहत अनुमति दी थी, जिससे ED को आरोप तय करने का रास्ता साफ हो गया है।
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