Kondagaon Fake Encounter -‘नक्सली नहीं हूं कहा… फिर भी पुलिस ने गोली मारी’: आदिवासी युवक का आरोप, कांग्रेस बोली- मुठभेड़ फर्जी, BJP ने पुलिस का बचाव किया
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में 14 अगस्त की रात पुलिस और ग्रामीण युवक के बीच मुठभेड़ जैसी घटना हुई, जिसमें एक युवक गोली लगने से घायल हो गया। घायल युवक अभय नेताम का आरोप है कि उसने पुलिस से कहा था कि वह नक्सली नहीं है और गोली न चलाए, इसके बावजूद पुलिस ने फायरिंग कर दी। युवक की जांघ में बुलेट धंसी हुई है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस का दावा- मुठभेड़ में लगी गोली
पुलिस का कहना है कि यह घटना मुठभेड़ के दौरान हुई। जानकारी के अनुसार, कन्हारगांव थाना क्षेत्र के नालाझार गांव के पास नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर CRPF और जिला पुलिस की संयुक्त टीम को भेजा गया। रात करीब 10:30 बजे पुलिस पर 10-12 नक्सलियों ने हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने फायरिंग की, जिसके बाद नक्सली भाग निकले।
मौके से पुलिस ने दो भारमार बंदूकें, नक्सली साहित्य, बैग और दवाइयाँ बरामद कीं। पुलिस का कहना है कि इस गोलीबारी में एक ग्रामीण घायल हो गया, जिसे तुरंत अस्पताल भेजा गया और उसकी हालत फिलहाल स्थिर है।
घायल युवक की कहानी
दूसरी ओर घायल युवक अभय नेताम का कहना है कि वह अपने साथियों के साथ चिड़िया मारने जंगल गया था। बारिश होने पर वे घर लौटने लगे। तभी पुलिस जवानों ने उन्हें रोका, जिससे वे डर गए और छिप गए।
अभय ने बताया कि उनकी बाइक का प्लग पुलिस ने निकाल दिया था। जब उन्होंने बाइक को धक्का देकर ले जाने की कोशिश की तभी पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी। 5 राउंड गोली चली, जिसमें एक गोली उसकी जांघ में लगी। अभय ने कहा कि उसने चिल्लाकर कहा- “मैं नक्सली नहीं हूं, मुझे मत मारो” लेकिन गोलीबारी फिर भी जारी रही।
परिवार का आरोप और कांग्रेस का बयान

अभय के बड़े पापा विश्वनाथ नेताम ने कांग्रेस नेता मोहन मरकाम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि लड़के सिर्फ चिड़िया मारने गए थे, सभी पढ़ाई करने वाले बच्चे हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें नक्सली समझकर गोली चला दी।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस घटना को फर्जी मुठभेड़ करार दिया। उनका कहना है कि यह सिर्फ पुलिस की कार्रवाई नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की गरिमा और न्याय से जुड़ा मामला है। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के बाद परिजनों पर चुप रहने का दबाव बनाया गया और समय पर सूचना नहीं दी गई।

कांग्रेस ने मांग की है कि घायल अभय नेताम को एक करोड़ रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए। साथ ही पूरे मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। पार्टी ने चेतावनी दी कि अगर पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
भाजपा का पलटवार
वहीं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और विधायक लता उसेंडी ने कहा कि कांग्रेस केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस तरह के बेबुनियाद बयान देती रहती है। उन्होंने कहा कि पुलिस पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी घटना का स्पष्ट विवरण दे चुकी है।
👉 इस घटना ने कोंडागांव ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। एक ओर कांग्रेस इसे फर्जी मुठभेड़ बता रही है, तो वहीं भाजपा और पुलिस इसे असली मुठभेड़ करार दे रही है। अब देखना होगा कि इस मामले की जांच के बाद सच्चाई क्या सामने आती है।
