
Kharoha Nalwa Mines Protest : खरोरा नलवा-माइंस के विरोध में 6 गांवों के 900 ग्रामीण डटे, आत्मदाह की चेतावनी – ब्लास्टिंग से मकानों की नींव हिलने का डर
रायपुर से लगे खरोरा क्षेत्र में जिंदल के प्रस्तावित नलवा सीमेंट प्लांट की खदान को लेकर ग्रामीणों का विरोध तेज हो गया है। बारिश के बावजूद करीब 6 गांवों के 900 से अधिक लोग जनसुनवाई स्थल पर पहुंचकर नारेबाजी कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खदान में चूना पत्थर निकालने के लिए की जाने वाली ब्लास्टिंग से घरों की नींव हिल सकती है और उनका नुकसान हो सकता है। इसी कारण वे खदान की स्थापना नहीं होने देना चाहते।
11 सौ एकड़ जमीन, 55 हजार लोग होंगे प्रभावित
ग्रामीणों के अनुसार, प्रस्तावित खदान 1100 एकड़ में फैली होगी, जिससे करीब 55 हजार लोगों पर सीधा असर पड़ेगा। इस मुद्दे पर खरोरा से लगे मोतिमपुर में आज जनसुनवाई रखी गई है। जनसुनवाई से एक रात पहले ही ग्रामीण टेंट लगाकर मौके पर डटे हुए हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। अपर कलेक्टर, पर्यावरण अधिकारी, एसपी और 6 तहसीलदार सहित प्रशासनिक अमला भी मौके पर मौजूद है।
6 गांवों की दूरी मात्र 90-400 मीटर
प्रस्तावित खदान के पास 6 गांव प्रभावित क्षेत्र में आते हैं, जिनकी दूरी इस प्रकार है:
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पचरी – 90 मीटर
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छड़िया – 140 मीटर
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मंधईपुर – 170 मीटर
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नहरडीह – 400 मीटर
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मोतिमपुर – 230 मीटर
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आलेसुर – 350 मीटर
ग्रामीणों का कहना है कि ब्लास्टिंग और खनन कार्य से उनके घरों और कृषि भूमि पर असर पड़ेगा।
स्कूलों के पास से गुजरेंगे भारी वाहन
ग्रामीणों ने बताया कि खदान से निकला चूना पत्थर भारी ट्रकों के जरिए रात-दिन परिवहन किया जाएगा। यह ट्रक गांवों और स्कूलों के सामने से गुजरेंगे, जिससे बच्चों की सुरक्षा को खतरा रहेगा।
आत्मदाह की चेतावनी
पचरी गांव के सरपंच और सरपंच संघ अध्यक्ष अभिषेक वर्मा ने बताया कि ग्रामीण जनसुनवाई स्थल पर डटे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जनसुनवाई जबरन कराई गई तो ग्रामीण आत्मदाह करने पर मजबूर होंगे।
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