
Kanker NH30 Car Accident -छत्तीसगढ़ के कांकेर में भीषण हादसा: पुल से टकराई कार में लगी आग, 4 युवक जिंदा जले, 2 गंभीर
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में 18 जुलाई की रात करीब 1 बजे एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें तेज रफ्तार कार पुल की रेलिंग से टकराकर जल गई। हादसे में चार युवकों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।
यह हादसा नेशनल हाईवे-30 पर आतुरगांव के पास हुआ। हादसे के वक्त कार में 6 युवक सवार थे। हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची।
कैसे हुआ हादसा?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी युवक मूरवेंड से कांकेर की ओर जा रहे थे। रास्ते में आतुरगांव के पास एक पुल का निर्माण कार्य चल रहा है, जिस कारण से सड़क को डायवर्ट किया गया था।
तेज रफ्तार में होने के कारण ड्राइवर कार को नियंत्रित नहीं कर सका और वह पुल की रेलिंग से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार में भीषण आग लग गई और चार युवक अंदर ही फंस गए।
शराब के नशे में होने की आशंका
पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि युवक शराब के नशे में थे। जिस कार से हादसा हुआ, वह शांति नगर कांकेर निवासी प्रशांत सिन्हा की बताई जा रही है। कार को बिना अनुमति के युवराज सोरी नामक युवक द्वारा चलाया जा रहा था।
मृतकों की पहचान
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युवराज सोरी (24) – निवासी बाड़ाटोला, कांकेर
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हेमंत शोरी (20) – निवासी सिंघनपुर, केशकाल
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सूरज उइके (19) – निवासी डुंडेरापाल, केशकाल
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दीपक मरावी (19) – निवासी डुंडेरापाल, केशकाल
ये चारों युवक कार में फंस गए थे और जलकर उनकी मौत हो गई।
घायलों के नाम
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प्रीतम नेताम (21) – निवासी डुंडेरापाल, केशकाल
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पृथ्वीराज सलाम (19) – निवासी डुंडेरापाल, केशकाल
ये दोनों किसी तरह कार से बाहर निकलने में सफल रहे। दोनों का इलाज जिला अस्पताल कांकेर में जारी है।
घटना स्थल पर पहुंची पुलिस और राहत टीम
घटना की सूचना मिलते ही कांकेर कोतवाली पुलिस, फायर ब्रिगेड और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक चार युवकों की जान जा चुकी थी। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और घायलों का इलाज जारी है।
एसडीओपी मोहसिन खान ने बताया कि घायलों से पूछताछ की जा रही है और मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी गई है।
निष्कर्ष: तेज रफ्तार, डायवर्ट सड़क और लापरवाही बनी मौत की वजह
कांकेर में हुआ यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा और निर्माण स्थलों पर उचित चेतावनी व्यवस्था की कमी को उजागर करता है। तेज रफ्तार, शराब का सेवन और बिना अनुमति वाहन चलाना — ये सब मिलकर एक भीषण त्रासदी में तब्दील हो गए।
सरकार और प्रशासन से यह अपेक्षा की जा रही है कि जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जाएगा।
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