
Justice BV Nagarathna- भारत की पहली महिला CJI बनेंगी जस्टिस बी. वी. नागरत्ना: पिता भी रहे हैं मुख्य न्यायाधीश, जानें संपूर्ण प्रोफाइल
जस्टिस बी. वी. नागरत्ना ने इतिहास रचते हुए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में शामिल होने वाली देश की पहली महिला न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त कर लिया है। 23 मई को जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका के सेवानिवृत्त होने के बाद, 25 मई को नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट की पांचवीं सबसे वरिष्ठ जज बन गईं। कॉलेजियम में केवल पांच सर्वोच्च जज शामिल होते हैं, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भी होते हैं।
भारत की पहली महिला CJI बनने जा रही हैं नागरत्ना
भारत में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर होती है। इस क्रम में जस्टिस बी. वी. नागरत्ना, 11 सितंबर 2027 को देश की 50वीं और पहली महिला CJI बनेंगी। हालांकि उनका कार्यकाल सिर्फ लगभग 1 महीने का रहेगा, क्योंकि वह 29 अक्टूबर 2027 को सेवानिवृत्त होंगी। फिर भी यह नियुक्ति भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
CJI के घर में जन्म, DU से ली कानून की शिक्षा
30 अक्टूबर 1962 को बेंगलुरु में जन्मी जस्टिस नागरत्ना, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ई. एस. वेंकटरामैया की पुत्री हैं। उनके पिता ने 1989 में CJI के पद को संभाला था। ऐसे में नागरत्ना का पालन-पोषण कानूनी परिवेश में हुआ। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की और न्यायिक सेवा में अपने दम पर अलग पहचान बनाई।
कन्नड़ में किया ‘Courts of India’ का अनुवाद
जस्टिस नागरत्ना ने ‘Courts of India’ नामक पुस्तक का कन्नड़ भाषा में अनुवाद कर इसे अधिक सुलभ और जन-समुदाय तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी यह पहल बताती है कि वह केवल एक न्यायाधीश नहीं, बल्कि भारतीय न्याय प्रणाली को जनता के करीब लाने वाली सामाजिक दृष्टि की धनी भी हैं।
एक नज़र में – जस्टिस बी. वी. नागरत्ना
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जन्म: 30 अक्टूबर 1962, बेंगलुरु
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पिता: ई. एस. वेंकटरामैया (भारत के 19वें CJI)
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शिक्षा: लॉ, दिल्ली विश्वविद्यालय
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सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्ति: 2021
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कॉलेजियम में प्रवेश: 25 मई 2025
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भारत की पहली महिला CJI बनने की तिथि: 11 सितंबर 2027
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कार्यकाल: लगभग 1 महीना
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सेवानिवृत्ति: 29 अक्टूबर 2027