
Jashpur Murder Case
Jashpur Murder Case : पोस्टमॉर्टम ने बताया सुसाइड, फॉरेंसिक जांच में निकली हत्या की सच्चाई
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में युवती की रहस्यमय मौत के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जहां इसे आत्महत्या बताया गया था, वहीं बाद की फॉरेंसिक जांच में यह साबित हुआ कि युवती की मौत गला दबाने से हुई थी। मामले में आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जांच के अनुसार, मृतका की शादी कहीं और तय हो जाने के कारण प्रेमी नाराज था। इसी कारण उसने पहले युवती की गला दबाकर हत्या की और फिर लाश को पेड़ से लटकाकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
मेडिकल लापरवाही पर कार्रवाई
इस मामले में मेडिकल रिपोर्ट की शुरुआती त्रुटियों के कारण संबंधित डॉक्टर और पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई हुई है। बगीचा के बीएमओ डॉ. सुनील लकड़ा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जबकि सहायक उप निरीक्षक अजीत लाल टोप्पो से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
घटना का पूरा विवरण
घटना जशपुर के बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम बटुंगा की है। 5 अप्रैल को मृतका के पिता नकुल साय ने बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अगले दिन, 6 अप्रैल को युवती का शव गांव के पास जंगल में पेड़ से लटका मिला। शरीर पर चोट के निशान थे और मोबाइल गायब था।
शुरुआती जांच में डॉक्टर ने मौत को आत्महत्या बताया, लेकिन परिजनों के संदेह और शारीरिक चोटों को देखते हुए पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए।

फॉरेंसिक जांच से हुआ खुलासा
विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने जब शव की फॉरेंसिक जांच की तो यह स्पष्ट हुआ कि मौत गला दबाने से हुई थी। इसके बाद पुलिस ने कॉल डिटेल्स और लोकेशन के आधार पर संदेह के घेरे में आए प्रेमी प्रमोद राम को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
आरोपी ने ऐसे दिया घटना को अंजाम
आरोपी ने बताया कि वह युवती से नाराज था क्योंकि उसकी शादी तय हो गई थी। उसने प्रतिमा को जंगल बुलाया, शराब के नशे में गला दबाकर हत्या कर दी, फिर चुनरी से लटका कर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। बाद में मोबाइल को छुपाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे बरामद कर लिया।
आरोपी के खिलाफ केस दर्ज
बगीचा थाने में आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) और 238(a) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक का बयान
पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने बताया कि परिजनों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दोबारा जांच कराई गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भ्रामक थी, लेकिन फॉरेंसिक और डिजिटल सबूतों ने सच्चाई सामने ला दी है।
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