
IT Hub Raipur -भारत का पहला AI-SEZ बनेगा नवा रायपुर में, होगा ₹1000 करोड़ का निवेश
भारत अब तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में देश का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (AI-SEZ) बनाया जाएगा। इस ज़ोन में अत्याधुनिक कंप्यूटर सिस्टम और एआई तकनीक से लैस सर्वर स्थापित किए जाएंगे, जहां से वैश्विक कंपनियां अपने डिजिटल कार्य संचालित करेंगी।
सरकार द्वारा इस परियोजना को टैक्स में छूट और कानूनी सहूलियतें दी गई हैं, जिससे नई तकनीकों का विकास तेजी से हो सकेगा। यह भारत का पहला ऐसा विशेष क्षेत्र होगा जो पूरी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित होगा। इसके ज़रिए नवा रायपुर को देश के सबसे बड़े तकनीकी हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है।
परियोजना का खाका
इस एआई-एसईजेड का निर्माण रैकबैंक डेटा सेंटर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा, जिसमें लगभग ₹1000 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। यह केंद्र करीब 6 एकड़ में फैला होगा और इसमें करीब 1.5 लाख वर्ग फीट का आधुनिक डेटा सेंटर तैयार किया जाएगा।
भविष्य में यहां चार हाई-डेंसिटी डेटा सेंटर स्थापित करने की योजना है, जिनकी संयुक्त क्षमता 80 मेगावाट होगी। ये सेंटर न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि कई अन्य राज्यों के डिजिटल नेटवर्क को संभालने में सक्षम होंगे। इससे छत्तीसगढ़ तकनीकी मानचित्र पर मजबूती से उभरेगा।
मुख्यमंत्री का विजन
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे “नवा छत्तीसगढ़ की एक नई शुरुआत” करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से प्रदेश के युवाओं को आधुनिक तकनीकी रोजगार के अवसर मिलेंगे और राज्य की डिजिटल पहचान मजबूत होगी। यह पहल डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे राष्ट्रीय अभियानों को भी नई ऊर्जा देगी।
युवाओं के लिए नया भविष्य
रैकबैंक के सीईओ नरेंद्र सेन के अनुसार, इस डेटा सेंटर में आईटी इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट, नेटवर्क मैनेजर जैसे पदों के लिए नियुक्तियां की जाएंगी। इसके साथ ही कंपनी छत्तीसगढ़ के आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू करेगी, जिससे छात्र उद्योग की मांगों के अनुसार प्रशिक्षित हो सकें।
गांवों और छोटे शहरों को भी मिलेगा लाभ
इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसका लाभ केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहेगा। अब कांकेर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बिलासपुर जैसे जिलों के छात्र भी रायपुर में रहकर वैश्विक कंपनियों के साथ काम कर सकेंगे। उन्हें न तो बेंगलुरु जाना पड़ेगा, न ही विदेश।
पर्यावरण के अनुकूल और ग्रीन बिल्डिंग मानकों पर आधारित
यह डेटा सेंटर पूरी तरह ग्रीन बिल्डिंग मानकों पर आधारित होगा। इसमें सौर ऊर्जा, जल संरक्षण और ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग किया जाएगा, जिससे यह पर्यावरण के प्रति भी उत्तरदायी बना रहेगा।