
Indian students evacuation From Iran -इजराइल-ईरान तनाव के बीच भारत ने शुरू की छात्रों की निकासी, आर्मेनिया बॉर्डर से बाहर भेजे जा रहे भारतीय
इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और संभावित संघर्ष को देखते हुए भारत ने अपने नागरिकों को ईरान से बाहर निकालने की सतर्क पहल शुरू कर दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि कुछ भारतीय नागरिकों को आर्मेनिया बॉर्डर के जरिए सुरक्षित क्षेत्रों में भेजा गया है।
भारत ने कैसे शुरू की नागरिकों की निकासी?
जानकारी के अनुसार, भारत ने ईरान में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए आर्मेनिया के राजनयिकों से समन्वय स्थापित किया। पहले बैच में 110 छात्र नॉरदुज बॉर्डर पर पहुंचे, जो ईरान और आर्मेनिया के बीच स्थित है। यहाँ से उन्हें बसों के ज़रिए येरेवन एयरपोर्ट भेजा गया, जहाँ से वे भारत वापस लाए जा सकते हैं।
क्यों चुना गया आर्मेनिया ही?
ईरान के सीमावर्ती देशों में से भारत ने आर्मेनिया को प्राथमिकता दी, जिसकी वजहें हैं:
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ईरान के कई प्रमुख शहरों से आर्मेनिया की दूरी कम है।
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भारत और आर्मेनिया के बीच राजनयिक और रक्षा संबंध बेहतर हैं।
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येरेवन एयरपोर्ट चालू है, जिससे उड़ानें आसानी से संभव हैं।
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आर्मेनिया की सीमाएं शांत और विवाद रहित हैं।
वहीं पाकिस्तान, अजरबैजान और इराक जैसे देशों के रास्ते सुरक्षा और कूटनीतिक कारणों से उपयुक्त नहीं माने गए।
छात्रों को बाहर लाने की प्रक्रिया क्या है?
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छात्र पहले ईरान के अलग-अलग शहरों से निकलकर नॉरदुज बॉर्डर पहुंचते हैं।
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फिर उन्हें बसों से आर्मेनिया के येरेवन एयरपोर्ट ले जाया जाता है।
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इसके बाद भारत सरकार की व्यवस्था के तहत उड़ानों से भारत वापस लाया जा सकता है।
ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वर्तमान में लैंड बॉर्डर्स खुले हैं और विदेशी नागरिक इन्हीं रास्तों से निकल सकते हैं।
सीधे ईरान से छात्रों को क्यों नहीं लाया जा रहा?
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ईरान के एयरपोर्ट्स नागरिक उड़ानों के लिए बंद हैं।
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इजराइल द्वारा किए गए हवाई हमलों से एयरस्पेस असुरक्षित हो गया है।
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ऐसे में भारत द्वारा सीधी उड़ानें भेजना जोखिम भरा और जटिल है।
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जबकि आर्मेनिया बॉर्डर स्थिर और सुरक्षित मार्ग माना जा रहा है।
भारतीय छात्रों ने लगाई थी मदद की गुहार
तेहरान सहित कई ईरानी शहरों में हवाई हमलों और बमबारी के बाद छात्रों और नागरिकों में भय का माहौल बन गया था। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें, आपूर्ति में बाधा, और तेहरान से बाहर निकलने की होड़ जैसी स्थिति बन गई।
हालात गंभीर, लोगों में घबराहट
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अकेले तेहरान में 200 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
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लोग शेल्टर की तलाश में हैं, लेकिन शहर में सुरक्षित स्थानों की कमी है।
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कई लोग उत्तर की ओर कैस्पियन सागर की तरफ पलायन कर रहे हैं।
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इजराइल ने चेतावनी दी है कि हथियार निर्माण इलाकों के पास के लोग तुरंत स्थान खाली करें।
निष्कर्ष
भारत सरकार ने समय पर स्थिति की गंभीरता को समझते हुए नागरिकों की सुरक्षित निकासी की रणनीति अपनाई है। ईरान से आर्मेनिया के रास्ते यह प्रक्रिया राजनयिक समन्वय और सुरक्षा प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए संचालित की जा रही है।
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