
India-US Tariff Deal पर बनी सहमति की उम्मीद, जल्द हो सकता है अंतरिम समझौता
भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चर्चा में रही व्यापारिक डील को लेकर एक अहम प्रगति की उम्मीद जताई जा रही है। बिजनेस टुडे के अनुसार, भारत 9 जुलाई से पहले अमेरिका के प्रस्तावित पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) लागू होने से पहले इस विषय पर वार्ता पूरी कर, एक अस्थायी व्यवस्था पर सहमति बनाने के प्रयास में है।
सूत्रों के मुताबिक, दोनों देश एक ऐसे प्रारंभिक समझौते पर काम कर रहे हैं जो केवल टैरिफ संबंधी विषयों तक सीमित रहेगा और इस पर जुलाई तक मुहर लग सकती है। यदि यह सफल रहा तो, अक्टूबर महीने तक नॉन-टैरिफ मुद्दों पर भी एक व्यापक समझौते की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।
मुख्य निर्यात वस्तुएं वार्ता में शामिल होंगी
भारत प्रमुख निर्यात वस्तुओं — जैसे कपड़ा, चमड़ा और आभूषण — के लिए टैरिफ में रियायत की मांग कर सकता है। वहीं, अमेरिका की रुचि ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहन, व्हिस्की और कुछ कृषि उत्पादों पर शुल्क कम करवाने में हो सकती है। साथ ही, अमेरिका भारत को तेल और रक्षा उपकरणों के बड़े खरीदार के रूप में भी देखता है।
हालांकि, इस बातचीत से डेयरी और कृषि जैसे कुछ संवेदनशील क्षेत्रों को फिलहाल बाहर रखा जा सकता है।
जुलाई के बाद होगी नॉन-टैरिफ मुद्दों पर चर्चा
टेक्नोलॉजी, ई-कॉमर्स और डेटा स्टोरेज से जुड़े नॉन-टैरिफ विषयों पर बातचीत का अगला चरण जुलाई के बाद शुरू होने की संभावना है। वर्तमान में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है।
पीयूष गोयल ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उन्होंने सचिव हॉवर्ड ल्यूटनिक के साथ व्यापार डील के पहले चरण को गति देने पर सकारात्मक चर्चा की है। उनकी यात्रा 17 से 20 मई तक रही, जबकि भारतीय वार्ताकारों की टीम 23 मई को भारत लौटेगी।
अमेरिका की टैरिफ नीति और भारत की स्थिति
गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत पर 26% का टैरिफ लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया था। यह रोक 8 जुलाई की मध्यरात्रि को समाप्त हो रही है। भारत इससे पहले ही समझौते पर सहमति बनाकर अपने मुख्य निर्यात बाजार को सुरक्षित करना चाहता है।
बीते वित्त वर्ष में भारत और अमेरिका के बीच 131.84 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था, जिससे स्पष्ट होता है कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। इसलिए इस व्यापार समझौते को लेकर दोनों देशों की प्राथमिकता काफी अधिक है।