India Successfully Test Agni 5 Missile -5000 KM रेंज और आवाज से 24 गुना तेज स्पीड… भारत ने किया अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण
Agni-5 Testing Update:
भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को और मजबूत करते हुए 20 अगस्त 2025 को ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से मध्यम दूरी की इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) अग्नि-5 (Agni-V) का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड की देखरेख में किया गया और रक्षा मंत्रालय के अनुसार सभी संचालन और तकनीकी मानकों की पुष्टि हुई।
अग्नि-5 की रेंज और मारक क्षमता
अग्नि-5 सरफेस-टू-सरफेस मिसाइल है और भारत की पहली तथा एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है।
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इसकी रेंज 5000 किलोमीटर से अधिक है।
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पूरा चीन इसकी जद में आता है, जबकि यूरोप और अफ्रीका के कई हिस्सों तक यह पहुंच सकती है।
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यह मिसाइल MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicles) तकनीक से लैस है, जिससे यह एक साथ कई टारगेट्स पर वार कर सकती है।
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यह डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम है।
पूरी तरह स्वदेशी तकनीक
अग्नि-5 का पूरा डिज़ाइन और विकास भारत ने स्वयं किया है। इसमें शामिल हैं:
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100% स्वदेशी तकनीक
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एडवांस्ड प्रोपल्शन सिस्टम
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नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम
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आधुनिक रॉकेट और लॉन्चिंग तकनीक
स्पीड और लॉन्चिंग सिस्टम
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अग्नि-5 की रफ्तार मैक 24 है, जो आवाज की गति से 24 गुना ज्यादा तेज है।
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इसका लॉन्चिंग सिस्टम कैनिस्टर तकनीक पर आधारित है, जिससे इसे आसानी से कहीं भी ट्रांसपोर्ट और डिप्लॉय किया जा सकता है।
दुनिया में सिर्फ 8 देशों के पास ICBM
फिलहाल भारत के अलावा केवल 8 देशों के पास इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) हैं। इनमें शामिल हैं:
रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजरायल, ब्रिटेन और उत्तर कोरिया।
अग्नि-5 की सबसे बड़ी खासियत – MIRV टेक्नोलॉजी
साधारण मिसाइलें केवल एक वॉरहेड लेकर जाती हैं, जबकि अग्नि-5 में एडवांस्ड MIRV तकनीक है। इसकी मदद से:
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एक मिसाइल से कई टारगेट्स पर हमला किया जा सकता है।
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जरूरत पड़ने पर एक ही टारगेट पर एक साथ कई वॉरहेड दागे जा सकते हैं।
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इससे दुश्मन की डिफेंस सिस्टम को भेदने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।
भारत के लिए बड़ी उपलब्धि
अग्नि-5 मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में भारत की सर्वोच्च उपलब्धियों में से एक है। यह न केवल भारत की सुरक्षा क्षमता को मजबूत करती है, बल्कि देश की सामरिक (Strategic) स्थिति को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा करती है।

