IIIT Raipur AI crime- नवा रायपुर स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) से शर्मनाक मामला सामने आया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के एक छात्र ने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक का दुरुपयोग कर 36 छात्राओं की 1000 से अधिक अश्लील फोटो बना डालीं।
पुलिस ने आरोपी छात्र सैय्यद रहीम को बिलासपुर से गिरफ्तार किया है।
उसके लैपटॉप, मोबाइल और पेन ड्राइव जब्त किए गए हैं।
🔹 इवेंट्स में खींची गई तस्वीरों का किया दुरुपयोग
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी छात्र कॉलेज के विभिन्न इवेंट्स में लड़कियों की तस्वीरें खींचता था।
बाद में इन्हीं तस्वीरों को AI एप्स के जरिए अश्लील रूप में बदल दिया और कुछ दोस्तों को दिखाया।
जब यह बात कॉलेज की छात्राओं तक पहुंची, तो उन्होंने IIIT प्रबंधन से शिकायत की।
🔹 प्रबंधन ने सस्पेंड किया, FIR के बाद गिरफ्तारी

IIIT प्रबंधन ने पहले आरोपी छात्र को सस्पेंड कर दिया, लेकिन पुलिस को तुरंत सूचना नहीं दी।
बाद में मामला मीडिया में आने के बाद प्रबंधन ने राखी थाने में शिकायत दर्ज कराई।
ASP दौलत राम पोर्ते ने बताया कि शिकायत मिलने पर आरोपी को बिलासपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है।
🔹 महिला समिति गठित, तकनीकी जांच शुरू
कॉलेज प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए महिला स्टाफ की विशेष समिति बनाई है।
कमेटी यह जांच करेगी कि कहीं फोटो सोशल मीडिया या किसी सर्वर पर लीक तो नहीं हुए।
जांच रिपोर्ट पुलिस के साथ साझा की जाएगी।
🔹 साइबर एक्सपर्ट बोले — सर्वर पर सेव हो सकता है डेटा
साइबर विशेषज्ञ मुकेश चौधरी ने कहा कि,
“यह घटना बेहद चिंताजनक है। ऐसे AI ऐप्स का डेटा कई विदेशी सर्वरों पर सेव होता है।
अगर आरोपी ने ऐसे ऐप का इस्तेमाल किया है, तो तस्वीरें पहले से ही इंटरनेट सर्वर पर पहुंच चुकी होंगी।”
उन्होंने कहा कि इस तरह के ऐप्स में प्राइवेसी और सुरक्षा बेहद कमजोर होती है और कंटेंट का दुरुपयोग संभव है।
🔹 कानूनी कार्रवाई और सजा का प्रावधान
किसी की निजी फोटो लेकर उसमें बदलाव या छेड़छाड़ करना सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के तहत गंभीर अपराध है।
इस पर धारा 66(2), 67 और 67A के तहत तीन से पांच साल तक की सजा का प्रावधान है।
यह अज़मानतीय अपराध की श्रेणी में आता है।
🔹 यूजीसी के दिशा-निर्देश
यूजीसी ने सभी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि
“AI या साइबर अपराध से जुड़े मामलों में छात्रों को जागरूक करें,
प्रशिक्षण दें और किसी भी घटना की तुरंत पुलिस में रिपोर्ट करें,
ताकि डेटा को समय रहते डिलीट या ब्लॉक किया जा सके।”
