GST on Life and Health Insurance 2025: लंबे समय से हेल्थ सेक्टर में जीएसटी घटाने की मांग की जा रही थी। अब जीएसटी काउंसिल ने बड़ा फैसला लेते हुए हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस को टैक्स-फ्री कर दिया है। इस फैसले से बीमा लेने वालों को बड़ी राहत मिलेगी और इंश्योरेंस कवरेज बढ़ाने की आदत को बढ़ावा मिलेगा।
बुधवार रात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी 2.0 के तहत कई सुधारों का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि अब हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर जीएसटी नहीं लगेगा। अभी तक इन पर 18% जीएसटी वसूला जाता था। नया नियम 22 सितंबर 2025 से लागू हो जाएगा।
🏥 आम आदमी के लिए किफायती होगा इंश्योरेंस
जीएसटी हटने के बाद हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस अब पहले से काफी किफायती होंगे। पर्सनल हेल्थ प्लान, फैमिली फ्लोटर, टर्म प्लान, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) और एंडोमेंट प्लान सभी Zero GST कैटेगरी में आ जाएंगे।
इसके साथ ही, री-इंश्योरेंस को भी टैक्स-फ्री कर दिया गया है। इससे इंडस्ट्री और ग्राहकों दोनों को फायदा होगा।
💰 अब सिर्फ बेस प्रीमियम का भुगतान
पहले ग्राहकों को प्रीमियम के अलावा 18% जीएसटी भी देना पड़ता था। अब यह बोझ पूरी तरह खत्म हो गया है। यानी अब पॉलिसीहोल्डर सिर्फ बेस प्रीमियम का ही भुगतान करेंगे।
👉 उदाहरण:
अगर किसी बीमा पॉलिसी का प्रीमियम ₹100 था, तो अब तक ग्राहक को ₹118 (100 + 18% GST) देना पड़ता था। लेकिन अब सिर्फ ₹100 ही देना होगा।

📉 15% तक घटेगा प्रीमियम
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बदलाव से पॉलिसीज की कीमत में औसतन 15% तक की कमी आ सकती है। इससे इंश्योरेंस ज्यादा किफायती होगा और देशभर में इसकी पहुंच बढ़ेगी।
⚡ निष्कर्ष
जीएसटी काउंसिल का यह फैसला सीधे तौर पर आम आदमी को फायदा देगा। महंगे इलाज और इंश्योरेंस प्रीमियम का बोझ कम होगा, जिससे लोग हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस लेने के लिए और प्रोत्साहित होंगे।

