
Green Steel Mining Summit
Green Steel Mining Summit-
रायपुर, 28 जुलाई 2025।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट 2025 राज्य के औद्योगिक विकास में एक नया मील का पत्थर साबित हुआ। इस आयोजन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विजन को साकार करने हेतु “अंजोर छत्तीसगढ़” की रणनीति साझा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है भारत को स्टील हब बनाना, और छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य की पूर्ति में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने CII (कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) को धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने औद्योगिक विकास और ग्रीन एनर्जी सेक्टर को प्राथमिकता देते हुए नई औद्योगिक नीति तैयार की है। इसमें स्टील उद्योगों को लॉजिस्टिक्स, भूमि आवंटन और अनुदान जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
ग्रीन एनर्जी और स्टील सेक्टर पर फोकस
सीएम साय ने बताया कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए राज्य ने ग्रीन स्टील और शून्य कार्बन उत्सर्जन को लक्ष्य बनाया है। हाल ही में हुई एनर्जी समिट में ₹3 लाख करोड़ से अधिक निवेश प्रस्ताव मिले, जिससे राज्य की औद्योगिक शक्ति को और बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) के तहत नई योजनाएं लागू की जा रही हैं और राज्य भर में नई औद्योगिक पार्क बनाए जा रहे हैं ताकि स्टील व ऊर्जा से जुड़े उद्योगों को सुविधाएं मिल सकें। CM ने निवेशकों से छत्तीसगढ़ को भारत का स्टील हब बनाने में भागीदार बनने का आह्वान किया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने दी नई औद्योगिक नीति की जानकारी
इस मौके पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने 1 नवंबर 2024 से लागू नई औद्योगिक नीति 2024-30 की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के पास खनिज, बिजली और संसाधनों की भरपूर उपलब्धता है, जिससे यह राज्य निवेश के लिए आदर्श स्थल बन चुका है।
ग्रीन इंडस्ट्री के लिए विशेष प्रोत्साहन
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ग्रीन हाइड्रोजन, बायोगैस, एनर्जी ऑडिट, और जल संरक्षण जैसे क्षेत्रों में निवेश करने वाले उद्यमों को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
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पहली बार नीति में ग्रीन उद्यम की अवधारणा को शामिल किया गया है।
बस्तर क्षेत्र को मिलेगा विशेष औद्योगिक लाभ
मंत्री देवांगन ने बताया कि बस्तर में आयरन ओर के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए स्टील उद्योगों को कई प्रोत्साहन दिए जाएंगे:
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50% तक रॉयल्टी छूट,
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100% कोयला रॉयल्टी प्रतिपूर्ति,
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150% राज्य सेस प्रतिपूर्ति।
बड़े निवेशकों के लिए ‘बी-स्पोक योजना’
जो उद्योग ₹1000 करोड़ से अधिक का निवेश करेंगे या 1000 से ज्यादा रोजगार सृजित करेंगे, उन्हें ‘बी-स्पोक नीति’ के तहत अतिरिक्त सुविधाएं मिलेंगी:
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SGST प्रतिपूर्ति
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रजिस्ट्रेशन, स्टांप ड्यूटी, बिजली शुल्क में छूट
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प्रशिक्षण और EPF सब्सिडी
400+ प्रतिनिधियों ने की सहभागिता
इस समिट में CII ईस्टर्न रीजन के चेयरमैन शास्वत गोयनका, उद्योग सचिव रजत कुमार, उद्योगपति सिद्धार्थ अग्रवाल, और भारत तथा विदेशों से आए 400 से अधिक विशेषज्ञ व निवेशक शामिल हुए। CII छत्तीसगढ़ के चेयरमैन संजय जैन और उनकी टीम ने आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित किया।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति और “अंजोर छत्तीसगढ़” विजन के माध्यम से राज्य जल्द ही भारत के ग्रीन स्टील हब के रूप में स्थापित हो सकता है। यह न केवल पर्यावरण के लिए हितकारी है बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।
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