Gram Panchayat bhritya salary protest -ग्राम पंचायत भृत्यों का सरकार पर प्रहार: आंदोलन की चेतावनी
छत्तीसगढ़ के ग्राम पंचायत भृत्य बीते 10 से 15 वर्षों से पंचायतों में कार्यरत हैं, लेकिन आज तक उन्हें समान मानदेय नहीं मिल सका है। इस उपेक्षा से नाराज होकर ग्राम पंचायत भृत्य कल्याण संघ ने रविवार, 7 सितंबर 2025 को राजा राव पठार में प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित की।
बैठक में प्रदेशभर से आए पदाधिकारियों और सदस्यों ने साफ चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं कीं, तो राज्यभर के 11,665 ग्राम पंचायत भृत्य आंदोलन की राह पर उतरेंगे।
सरकार से नाराजगी
बैठक में ब्लॉक और जिला स्तर के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार चाहे भाजपा रही हो या कांग्रेस, लेकिन भृत्यों की समस्याएं जस की तस बनी रहीं।
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वर्षों से काम करने के बावजूद मानदेय में असमानता जारी है।
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सरकार को कई बार प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
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पंचायत प्रतिनिधि मनमाने तरीके से पुराने भृत्यों को हटाकर अपने मनपसंद लोगों को नियुक्त कर रहे हैं।
इसके खिलाफ पंचायत घेराव और सख्त आंदोलन का निर्णय लिया गया।
नेताओं के विचार
बैठक में संघ के प्रदेश संरक्षक और कर्मचारी नेता भूपेंद्र साहू का भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने कहा:
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भृत्यों की मांगें पूरी तरह जायज हैं।
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सरकार को मजबूर करने के लिए संगठन को और मजबूत करना होगा।
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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार से उम्मीद है कि इस दिशा में जल्द ठोस पहल होगी।
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बैठक में शामिल प्रमुख पदाधिकारी
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भूपेंद्र साहू – प्रदेश संरक्षक
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सोमनाथ तारक – प्रदेश अध्यक्ष
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मेघनाथ साहू – प्रदेश उपाध्यक्ष
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जसवंत सिंह – कार्यकारिणी अध्यक्ष
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देव सिंह पोटाई – कोषाध्यक्ष
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बिदे सिंह बोगा – सलाहकार
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परमानंद देवदास – मीडिया प्रभारी
साथ ही, रायपुर, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, खैरागढ़, गरियाबंद, कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव, महासमुंद, दुर्ग, जांजगीर-चांपा सहित कई जिलों और ब्लॉकों के अध्यक्ष भी बैठक में शामिल हुए।

आंदोलन की राह पर संघ
बैठक के अंत में तय किया गया कि:
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संगठनात्मक ढांचे को और मजबूत किया जाएगा।
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नए ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे।
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सरकार ने मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया तो राज्यभर के भृत्य व्यापक आंदोलन करेंगे।

