
नीति आयोग के सीईओ
GDP calculation- भारत 2025 के अंत तक बनेगा चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: नीति आयोग सदस्य का बयान
नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी ने कहा है कि भारत 2025 के अंत तक दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और जापान को पीछे छोड़ देगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आंकड़ा वर्ष भर के समग्र GDP डेटा पर आधारित होगा, जिसकी पुष्टि अगले साल जनवरी या फरवरी तक संभव होगी।
CEO के दावे पर विरमानी का जवाब
इससे पहले, नीति आयोग के CEO बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने 24 मई को दावा किया था कि भारत जापान को पीछे छोड़ चुका है और अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने कहा, “भारत अब $4 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बन गया है और केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही हमसे आगे हैं। यदि हम अपनी योजना पर टिके रहें तो अगले 2.5 से 3 वर्षों में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।”
जब अरविंद विरमानी से CEO के इस दावे पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “यह सवाल थोड़ा पेचीदा है। हो सकता है कि उनके कथन में कुछ शब्द छूट गए हों या गलतफहमी हुई हो। आमतौर पर हम सालाना GDP के आधार पर तुलना करते हैं और सही डेटा वर्ष के अंत में आता है।”
IMF का अनुमान और वास्तविक स्थिति
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अप्रैल में जारी रिपोर्ट में अनुमान लगाया था कि भारत 2025 में जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। IMF के अनुसार, भारत की GDP 2025 में $4.19 ट्रिलियन पहुंचने की उम्मीद है।
GDP डेटा क्यों अहम है?
विरमानी ने कहा कि अर्थव्यवस्था के आकार की तुलना करते समय सामान्य रूप से अमेरिकी डॉलर में सालाना GDP देखा जाता है। “मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि भारत यह मुकाम हासिल करेगा, लेकिन हमें पूरे साल का डेटा देखना होगा, जो जनवरी या फरवरी 2026 तक आएगा।”
भारत की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के क्या प्रभाव होंगे?
-
वैश्विक प्रभाव: भारत की G20, IMF और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में भूमिका और प्रभाव बढ़ेगा।
-
निवेश में वृद्धि: विदेशी कंपनियां भारत को निवेश के लिए प्रमुख गंतव्य मानेंगी।
-
क्षेत्रीय स्थिरता: जापान और भारत की साझेदारी से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता आएगी।
-
आर्थिक नेतृत्व: भारत का ग्लोबल इकोनॉमिक लीडरशिप की ओर कदम और मजबूत होगा।
जापान की अर्थव्यवस्था क्यों पिछड़ रही है?
-
कम ग्रोथ रेट: IMF के अनुसार जापान की विकास दर 2025 में मात्र 0.3% होगी, जबकि भारत की 6.5%।
-
जनसांख्यिकीय संकट: बूढ़ी आबादी और कम जन्म दर के कारण कार्यबल घट रहा है।
-
वैश्विक व्यापार तनाव: अमेरिका और अन्य देशों के टैरिफ ने जापान की निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।
-
स्थिरता की कमी: जापान की अर्थव्यवस्था पिछले कई दशकों से स्थिरता के लिए जूझ रही है।
क्या भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है?
हाँ। IMF और अन्य वैश्विक संस्थानों के अनुसार, भारत की मौजूदा विकास दर बनी रही तो 2028 तक भारत जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अनुमान के अनुसार भारत की GDP 2027 तक $5 ट्रिलियन और 2028 तक $5.58 ट्रिलियन हो सकती है।
इस आर्थिक उछाल का आम लोगों पर क्या प्रभाव होगा?
-
रोजगार के अवसर: तकनीक, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में नए जॉब्स आएंगे।
-
बेहतर जीवन स्तर: निवेश और विकास से स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।
-
उपभोक्ता शक्ति में वृद्धि: मध्यम वर्ग के विस्तार से मांग बढ़ेगी।
-
चुनौतियां बनी रहेंगी: आय असमानता और महंगाई जैसी समस्याओं पर सरकार को ध्यान देना होगा।
GDP क्या है और कैसे मापी जाती है?
GDP यानि सकल घरेलू उत्पाद, देश के अंदर एक तय अवधि में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं की कुल कीमत होती है। इसमें विदेशी कंपनियों द्वारा भारत में किया गया उत्पादन भी शामिल होता है।
GDP के प्रकार:
-
रियल GDP: स्थिर कीमतों (बेस ईयर) पर आकलन किया जाता है। वर्तमान बेस ईयर 2011-12 है।
-
नॉमिनल GDP: मौजूदा बाजार दरों पर GDP को मापा जाता है।
GDP का फॉर्मूला:
GDP = C + G + I + NX
जहां:
-
C = निजी खपत
-
G = सरकारी खर्च
-
I = निवेश
-
NX = शुद्ध निर्यात (निर्यात – आयात)
Click to join the CG Inside News WhatsApp group.