
Gaza conflict: प्रतिबंध, मौतें और बमबारी—गाजा की भयावह त्रासदी जारी
गाजा पट्टी में हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। तीन दिनों के भीतर इजरायली हमलों में 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे गाजा की गलियों में मातम पसरा हुआ है। स्वास्थ्य एजेंसियों के मुताबिक, लगातार हो रही बमबारी ने इस क्षेत्र को पूरी तरह संकट में डाल दिया है।
इसी बीच ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना करते हुए उनकी नीतियों को कठोर शब्दों में खारिज कर दिया है। नेतन्याहू ने स्पष्ट कर दिया है कि वह गाजा पट्टी पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त करके ही रुकेंगे। उन्होंने घोषणा की है कि पूरा गाजा अब “कॉम्बैट ज़ोन” घोषित कर दिया गया है।
गाजा में सोमवार को की गई एयरस्ट्राइक में 60 से अधिक लोगों की जान चली गई। इजरायल के वित्त मंत्री बेजलेल स्मॉट्रिच ने बयान दिया है कि गाजा के शेष हिस्से को “समाप्त” करने की तैयारी की जा रही है। इस बीच ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि मानवीय सहायता रोकी गई और सैन्य हमले जारी रहे, तो वे कड़ी प्रतिक्रिया देंगे।
नेतन्याहू का ‘पूर्ण नियंत्रण’ प्लान क्या है?
नेतन्याहू की गाजा नीति में कई अहम बिंदु शामिल हैं—हमास का सफाया, बंधकों की रिहाई, गाजा पर सैन्य कब्जा और क्षेत्र को इजरायल के लिए सुरक्षित बनाना। इस योजना को सैन्य कार्रवाई, मानवीय सहायता पर नियंत्रण और संभवतः रणनीतिक विस्थापन के ज़रिए अंजाम दिया जा रहा है।
मई 2025 में इजरायली संसद और सुरक्षा कैबिनेट ने इस रणनीति को मंजूरी दी थी। अब तक इजरायल गाजा के लगभग 50% हिस्से पर नियंत्रण कर चुका है, और योजना के अनुसार पूरा क्षेत्र कब्जे में लेने की कोशिश की जा रही है।
सोमवार को नेतन्याहू ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद वे पीछे नहीं हटेंगे। दक्षिणी शहर खान यूनिस के निवासियों को चेतावनी दी गई है कि वे समुद्र तट की ओर निकल जाएं, क्योंकि “अभूतपूर्व” हमले की तैयारी की जा रही है।
मानवीय संकट की भयावहता
गाजा में बमबारी के चलते स्थिति दिन-ब-दिन दयनीय हो रही है। 72 घंटों के भीतर सैकड़ों लोगों की जान गई है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। खान यूनिस में हुए हमलों ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है।
नेतन्याहू ने बयान दिया है कि अकाल से बचने के लिए सीमित मात्रा में भोजन की अनुमति दी जाएगी, लेकिन इजरायल गाजा की सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखेगा ताकि सहायता सामग्री आतंकी गुटों तक न पहुंचे। इजरायली सरकार ने खाद्य, पानी, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति रोक दी है, जिससे भुखमरी और मानवीय संकट और गहरा गया है।
पश्चिमी देशों की चेतावनी और आलोचना
ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने इजरायल की नीतियों पर तीखा ऐतराज़ जताया है। इन देशों ने कहा है कि गाजा में हालात असहनीय हो गए हैं और यदि सैन्य अभियान नहीं रोके गए तो वे ठोस कार्रवाई करेंगे।
तीनों देशों ने अनाज की आपूर्ति रोकने को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है और नागरिकों को जबरन विस्थापित करने की धमकियों की कड़ी निंदा की है।
नेतन्याहू का कड़ा जवाब
ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा की चेतावनियों पर प्रतिक्रिया देते हुए नेतन्याहू ने कहा कि ये देश 7 अक्टूबर के इजरायली नरसंहार के लिए हमलावरों को इनाम दे रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा:
“जब तक हमास के आतंकियों का खात्मा नहीं होता, हम रुकेंगे नहीं। युद्ध हमारी सीमाओं पर हुआ था, जिसमें 1,200 लोगों की हत्या हुई और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया। ऐसे में हमारे पास बचाव के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”
नेतन्याहू ने कहा कि अगर हमास हथियार डाल दे, बंधकों को रिहा करे और खुद को सैन्य रूप से विहीन कर दे, तो युद्ध तुरंत खत्म हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह युद्ध ‘सभ्यता बनाम बर्बरता’ का है, और इजरायल तब तक लड़ेगा जब तक जीत हासिल नहीं हो जाती।
अब तक 53 हजार से ज्यादा मौतें
इस संघर्ष को करीब डेढ़ साल हो चुके हैं, और अब तक 53,000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। गाजा का बड़ा हिस्सा खंडहर में बदल गया है, और जनजीवन ठप हो गया है।
अमेरिका भी इस संघर्ष में एक अहम भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप संघर्षविराम की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक सफलता नहीं मिली है। व्हाइट हाउस के अनुसार, ट्रंप दोनों पक्षों से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन कतर में चल रही अप्रत्यक्ष वार्ताओं में अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई है।