Gariyaband news -घर का इकलौता चिराग बुझा: अवैध खुदाई से बनी खाई में डूबने से मासूम की दर्दनाक मौत, परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़
गरियाबंद। जिले के देवभोग क्षेत्र से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां अवैध गिट्टी-बोल्डर खनन से बनी खाई में गिरने से तीन साल के मासूम की जान चली गई। यह हादसा देवभोग थाना क्षेत्र के धौराकोट गांव में हुआ। मृत बच्चा सुरेंद्र नागेश का इकलौता बेटा था, जिसका जन्म शादी के 9 साल बाद हुआ था। अब मासूम की मौत से परिवार पूरी तरह टूट गया है और घर में मातम पसरा हुआ है।
घटना के अनुसार, डोकरेल नाला के किनारे बसी बस्ती से दूर खेतों के पास सुरेंद्र नागेश का पुत्र सचिन अचानक घर से लापता हो गया। परिजनों ने खोजबीन शुरू की और शाम होते-होते पिता को खेत के पास बनी खाई में उसका शव तैरता हुआ मिला। आनन-फानन में बच्चे को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं।
परिवार के लिए यह बच्चा किसी चमत्कार से कम नहीं था। वर्षों की दुआओं के बाद सचिन का जन्म हुआ था, लेकिन तीन साल में ही यह खुशी एक बड़े दुख में तब्दील हो गई। देवभोग पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना का मुआयना किया और शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। थाना प्रभारी फैजुल शाह होदा ने बताया कि मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है।

अवैध खनन बना जानलेवा खतरा
जिस खाई में सचिन डूबा, वह क्षेत्र में हो रहे अवैध पत्थर खनन का नतीजा है। ग्रामीण इलाकों में अक्सर खेतों से पत्थर निकालकर गिट्टी-बोल्डर के रूप में बेचा जाता है। कई निर्माण कंपनियां और पेटी कॉन्ट्रैक्टर्स क्रशर से महंगी गिट्टी के बजाय गांवों में सस्ते दामों पर पत्थर तुड़वाते हैं। कदलीमूड़ा, धीगियामूड़ा, मोखागुड़ा और कुम्हड़ाई जैसे कई गांवों में ऐसी अवैध खुदाई के चलते गहरी खाइयां बन चुकी हैं, जो जानलेवा साबित हो रही हैं।
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि अवैध खनन पर कार्रवाई की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। यदि समय रहते इन गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई तो ऐसे हादसे लगातार सामने आते रहेंगे।
