Gariyaband Hospital Negligence -गरियाबंद जिला अस्पताल में लापरवाही: नर्स की जगह महिला गार्ड ने मरीज को लगाया इंजेक्शन, हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर लापरवाही सामने आई है। यहां एक महिला गार्ड द्वारा मरीज को इंजेक्शन लगाए जाने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इस पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए शासन को फटकार लगाई और मामले को मरीजों की जान से खिलवाड़ बताया।
हाईकोर्ट की सख्ती
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, “यह तो लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है। अगर किसी मरीज की मौत हो जाए तो जिम्मेदार कौन होगा?” कोर्ट ने इस मामले में गरियाबंद कलेक्टर से शपथपत्र के साथ विस्तृत जवाब मांगा है। केस की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
पूरा मामला
यह घटना 19 अगस्त की है। पूर्व पार्षद योगेश बघेल अपने भतीजे को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि वार्ड में नर्स की जगह महिला गार्ड मरीज को इंजेक्शन लगा रही है। उन्होंने इसकी तस्वीर मोबाइल से खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। तस्वीर सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन हरकत में आया।
कलेक्टर की कार्रवाई
तस्वीर वायरल होने के बाद कलेक्टर ने तुरंत सीएमएचओ डॉ. वीएस नवरत्न और सिविल सर्जन डॉ. यशवंत ध्रुव को कारण बताओ नोटिस जारी किया। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई। शासन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है।
कोर्ट ने कहा- नोटिस पर्याप्त नहीं
हाईकोर्ट ने कहा कि केवल नोटिस जारी करना ही पर्याप्त नहीं है। यह घटना अस्पताल की कार्यप्रणाली और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। प्रशिक्षित नर्स की जगह गार्ड द्वारा इंजेक्शन लगाना मरीज की सुरक्षा से सीधा खिलवाड़ है।
जनता का भरोसा कमजोर
कोर्ट ने टिप्पणी की कि, “ऐसी लापरवाही से ही लोग सरकारी अस्पतालों पर भरोसा नहीं करते।” अदालत ने कलेक्टर से पूछा कि इस नोटिस के पालन में अब तक क्या कार्रवाई हुई और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए क्या कदम उठाए गए।

गंभीर चेतावनी
यह मामला केवल चिकित्सा नैतिकता का उल्लंघन नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में स्थापित प्रोटोकॉल और जवाबदेही प्रणाली की विफलता को उजागर करता है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करना और ठोस कार्रवाई करना जरूरी है ताकि दोबारा ऐसी लापरवाही न हो।

