
Flood Alert In Chhattisgarh
Flood Alert In Chhattisgarh -छत्तीसगढ़ में तेज बारिश का कहर…12 जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराया
छत्तीसगढ़ में मानसून का प्रभाव तेज हो गया है। रायपुर, बिलासपुर, बलौदाबाजार और दुर्ग समेत कई जिलों में मंगलवार को मूसलाधार बारिश हुई, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया। रायगढ़ में केलो डैम के दो गेट खोल दिए गए हैं और दंतेवाड़ा जिले में इंद्रावती नदी में नाव पलटने से एक व्यक्ति लापता हो गया है।
इंद्रावती नदी में नाव हादसा, एक ग्रामीण लापता
दंतेवाड़ा के बारसूर थाना क्षेत्र के मंगनार गांव के दो ग्रामीण बोधघाट बाजार से नाव द्वारा लौट रहे थे। इस दौरान इंद्रावती और गुडरा नदी के संगम में तेज बहाव के कारण उनकी नाव पलट गई। एक व्यक्ति लापता है और दूसरा चट्टानों में फंसा हुआ है। पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके के लिए रवाना हो गई हैं।
बारिश की ये तस्वीरें देखिए(Photos-Dainik Bhaskar)













कुलेश्वर महादेव की सीढ़ियां डूबीं, केलो डैम के दो गेट खुले
राजिम में महानदी का जलस्तर बढ़ने से त्रिवेणी संगम स्थित कुलेश्वर महादेव मंदिर की सीढ़ियां पानी में डूब गई हैं। वहीं रायगढ़ में केलो नदी के बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए डैम के दो गेट खोल दिए गए हैं। रायपुर में बीते दो दिनों में 140 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
कांगेर घाटी का तीरथगढ़ वॉटरफॉल आकर्षण का केंद्र
बस्तर में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित तीरथगढ़ वॉटरफॉल इन दिनों अपने पूरे शबाब पर है। बड़ी संख्या में पर्यटक वॉटरफॉल देखने पहुंच रहे हैं, लेकिन कई लोग जान जोखिम में डालकर फोटोशूट भी करवा रहे हैं।
कांकेर में ग्रामीण 16 पिलरों पर कूद-कूदकर पार कर रहे नदी
कांकेर जिले के बांसकुंड, ऊपर तोनका, नीचे तोनका और चलाचूर गांवों के 500 से अधिक लोग चिनार नदी पर पुल नहीं होने के कारण स्टॉप डैम के 16 पिलरों पर कूद-कूदकर नदी पार करने को मजबूर हैं। स्कूली बच्चे भी इसी खतरनाक मार्ग से स्कूल जाते हैं।
राज्यभर में अब तक 291.9 मिमी औसत वर्षा, बलरामपुर में सबसे अधिक
1 जून से 7 जुलाई तक छत्तीसगढ़ में औसतन 291.9 मिमी बारिश हो चुकी है। बलरामपुर जिले में सबसे ज्यादा 447.8 मिमी बारिश हुई है जबकि बेमेतरा में सबसे कम 113.7 मिमी। वहीं बीजापुर में 382 मिमी और बेमेतरा में सबसे कम 81.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
बलरामपुर में पुल बहा, कई गांवों से संपर्क कटा
बलरामपुर के गेरांव क्षेत्र में बांस झर्रा में पुल बह जाने से बड़मार क्षेत्र के कई गांवों से संपर्क कट गया है। लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं।
मानसून की लंबी अवधि संभव, जल्दी आने से फायदा
इस साल मानसून 24 मई को ही केरल पहुंच गया था, जबकि सामान्य तिथि 1 जून होती है। अगर मानसून अपनी नियमित तिथि 15 अक्टूबर को ही लौटता है, तो यह कुल 145 दिनों तक सक्रिय रहेगा।
बिजली गिरने का विज्ञान और सावधानी
आकाशीय बिजली बादलों के आपसी टकराव से बनती है और यह ज़मीन पर सबसे अच्छा कंडक्टर ढूंढती है। यदि कोई व्यक्ति इस परिधि में आ जाता है तो वह सबसे पहले प्रभावित होता है। इसकी गर्मी सूर्य के ऊपरी सतह से भी ज्यादा होती है और यह मानव के सिर, गर्दन व कंधों पर सबसे ज्यादा असर डालती है।
बिजली से जुड़े मिथक और सच्चाई
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एक जगह पर दो बार बिजली नहीं गिरती – मिथक
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रबर और टायर से सुरक्षा मिलती है – मिथक
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नाव में हो तो बाहर आ जाना चाहिए – सचेत सुझाव
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लंबी वस्तुएं सुरक्षा देती हैं – मिथक
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
रायपुर-बिलासपुर समेत 12 जिलों में भारी बारिश और बाढ़ की चेतावनी दी गई है। आज (10 जुलाई) को राजनांदगांव, बालोद, दुर्ग, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद और बलौदाबाजार में ऑरेंज अलर्ट और रायपुर, कोरबा, कबीरधाम, रायगढ़, सूरजपुर, बलरामपुर समेत 21 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
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