Electricity Bill Half Scheme: बिजली हाफ योजना में कटौती पर कांग्रेस का विरोध, CSPDCL मुख्यालय का घेराव
रायपुर, 5 अगस्त 2025 — छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 400 यूनिट तक की बिजली बिल हाफ योजना को घटाकर सिर्फ 100 यूनिट तक सीमित किए जाने के फैसले के विरोध में कांग्रेस ने मंगलवार को राजधानी रायपुर स्थित CSPDCL (बिजली विभाग) मुख्यालय का घेराव किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ-साथ महिला मोर्चा, युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए।
महिलाओं ने लगाए नारे, गेट तोड़ने की भी हुई कोशिश

प्रदर्शन के दौरान महिलाएं “400 यूनिट बिजली योजना बहाल करो”, और “महतारी वंदन का पैसा वापस दो” जैसे नारे लगाते हुए नजर आईं। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने मुख्यालय के गेट को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस बल ने स्थिति को नियंत्रित किया। आखिर में सभी प्रदर्शनकारी मुख्य द्वार के सामने बैठ गए और सरकार के फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

“जनविरोधी है सरकार का फैसला” — आकाश शर्मा
युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने कहा:
“पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने आम जनता को राहत देने के लिए 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ योजना शुरू की थी, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे घटाकर 100 यूनिट कर दिया है। यह फैसला पूरी तरह से जनविरोधी है और हम इसका हर स्तर पर विरोध करेंगे।”
बिजली विभाग के अधिकारियों ने नहीं की बातचीत
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी बातचीत के लिए बाहर नहीं आया, जिससे गुस्सा और भड़क गया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।
प्रमुख नेता रहे मौजूद
प्रदर्शन में शामिल कुछ प्रमुख कांग्रेस नेता:
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गिरीश दुबे (जिला कांग्रेस अध्यक्ष)
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प्रमोद दुबे (पूर्व महापौर)
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पंकज शर्मा, भावेश शुक्ला, नीरज पांडेय
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अमित शर्मा, विनोद कश्यप, तुषार गुहा, शिवकुमार मेनन, तुषारा पांडे आदि
7 अगस्त को प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने जानकारी दी कि पार्टी 7 अगस्त को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी।
कार्यक्रम की रूपरेखा:
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6 अगस्त: सभी जिला मुख्यालयों में प्रेस कॉन्फ्रेंस
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7 अगस्त: बिजली कार्यालयों के सामने प्रदर्शन और पुतला दहन
बिजली दरों में वृद्धि और योजना में बदलाव पर उठाए सवाल
दीपक बैज ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने सिर्फ 100 यूनिट तक के उपभोक्ताओं को राहत दी है। इससे राज्य के अधिकांश घरेलू उपभोक्ता योजना से बाहर हो गए हैं।
“अब यदि उपभोक्ता 100 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करता है तो उसे पूरा बिल देना पड़ेगा, यहां तक कि पहले 100 यूनिट की राहत भी नहीं मिलेगी।”
