
DMF घोटाला: कोरबा, 9 मई 2025 – छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (DMF) फंड घोटाले की जांच के अंतर्गत चार वरिष्ठ अधिकारियों की गिरफ्तारी से राज्य की प्रशासनिक प्रणाली में खलबली मच गई है। यह कार्रवाई आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा अपराध क्रमांक 02/2024 के तहत की जा रही व्यापक जांच का हिस्सा है, जिसमें इन अधिकारियों के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण मिले हैं।
9 मई 2025 को EOW ने चारों अधिकारियों को औपचारिक रूप से हिरासत में लेकर उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 13 मई 2025 तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
गिरफ्तार अधिकारी:
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भरोसा राम ठाकुर – तत्कालीन नोडल अधिकारी, डीएमएफ, जिला कोरबा
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भूनेश्वर सिंह राज – तत्कालीन जनपद सीईओ, कोरबा
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राधेश्याम मिर्झा – तत्कालीन जनपद सीईओ, कोरबा
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वीरेंद्र कुमार राठौर – तत्कालीन जनपद सीईओ, कोरबा
इन सभी अधिकारियों पर DMF निधि के दुरुपयोग, आर्थिक अनियमितता और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगे हैं। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि खनिज क्षेत्र के विकास के लिए स्वीकृत योजनाओं में घोर वित्तीय अनियमितता बरती गई। कुछ योजनाओं को केवल दस्तावेजों में पूरा दिखाया गया, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
ब्यूरो ने संबंधित दस्तावेज, बैंकिंग लेनदेन और संदिग्ध भुगतानों की बारीकी से जांच कर इन आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य जुटाए। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, यह घोटाला करोड़ों रुपए का हो सकता है।
रिमांड में बड़े खुलासों की उम्मीद
EOW की टीम को उम्मीद है कि रिमांड के दौरान पूछताछ में और भी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आएंगी। जांच एजेंसियों को आशंका है कि इस घोटाले में अन्य अफसरों, ठेकेदारों और संभवतः राजनीतिक हस्तियों की भी संलिप्तता हो सकती है। अब इस मामले से जुड़े अन्य संभावित संदिग्धों की भूमिका की गहनता से जांच की जा रही है।
यह मामला प्रदेश में प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही पर एक बार फिर सवाल खड़े कर रहा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस जांच की दिशा किस ओर जाती है।
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Source – NW News