
Dhankhar Resignation
Dhankhar Resignation -जगदीप धनखड़ का इस्तीफा, नड्डा संग तनातनी, राजनाथ-सिंह टॉप दावेदार
21 जुलाई, 2025 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सेहत का हवाला दिया, लेकिन जानकारों का कहना है कि इसके पीछे कई राजनीतिक कारण हैं। सिर्फ 10 दिन पहले उन्होंने JNU में कहा था – “मैं अगस्त 2027 में रिटायर होऊंगा, अगर कोई दिव्य शक्ति न टपक पड़ी तो।” लेकिन दिव्य शक्ति से पहले राजनीतिक तूफान आ गया।
3 संकेत जो दिखाते हैं कि धनखड़ साइडलाइन हो रहे थे:
-
शिवराज सिंह चौहान पर मंच से सवाल:
मुंबई में सार्वजनिक कार्यक्रम में धनखड़ ने कृषि मंत्री शिवराज से वादों पर जवाब मांगा। पार्टी और RSS को ये रवैया नागवार गुज़रा। -
जस्टिस वर्मा पर महाभियोग में अलग लाइन:
जबकि लोकसभा में 150 सांसदों ने साइन किए थे, राज्यसभा में धनखड़ ने विपक्ष के 63 सिग्नेचर जुटाए। इससे पार्टी नेतृत्व नाराज़ हुआ। -
जेपी नड्डा से सीधी बहस:
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे को न रोकने पर नड्डा भड़क उठे। PAC मीटिंग भी बिना सूचना के छोड़ दी गई। गृह मंत्री से धनखड़ को कड़ा संदेश मिला।
अब कौन हो सकता है अगला उपराष्ट्रपति?
राजनाथ सिंह (BJP के सबसे सीनियर नेता):
-
RSS और पार्टी कैडर दोनों का भरोसा
-
सभी दलों में स्वीकार्य चेहरा
-
भविष्य में राष्ट्रपति पद के लिए भी दावेदार
शिवराज सिंह चौहान:
-
OBC चेहरा, संतुलित वक्ता
-
केंद्र व राज्य दोनों का अनुभव
-
RSS का मजबूत समर्थन
हरिवंश नारायण सिंह:
-
वर्तमान राज्यसभा उपसभापति
-
पत्रकारिता और संसदीय कार्यों का अनुभव
-
JDU-NDA में गठबंधन संदेश का प्रतीक
अन्य संभावित नाम:
-
रविशंकर प्रसाद: वरिष्ठ वकील, अनुभवी सांसद
-
आरिफ मोहम्मद खान: मुस्लिम चेहरे की संभावित रणनीति
-
शशि थरूर: विपक्ष से लेकिन चर्चित नाम; संभावना कम
क्या इस्तीफा पहले से तय था?
20 जुलाई को धनखड़ की पत्नी का जन्मदिन था। उन्होंने उसी रात एक बड़ी पार्टी रखी – सभी पार्टियों के नेता और राज्यसभा स्टाफ को बुलाया। इसे “फेयरवेल पार्टी” माना गया। यानी इस्तीफे की स्क्रिप्ट शायद पहले से तैयार थी।
राजनीतिक विश्लेषण:
राजनीतिक विशेषज्ञ रशीद किदवई और हर्षवर्धन त्रिपाठी मानते हैं कि यह सिर्फ स्वास्थ्य का मामला नहीं है।
BJP में अनुशासन और नेतृत्व के प्रति निष्ठा सर्वोपरि है – और धनखड़ ने दोनों में सेंध लगाई।
निष्कर्ष:
धनखड़ का इस्तीफा सिर्फ एक पद से विदाई नहीं, बल्कि BJP में अंदरूनी अनुशासन का संकेत है। आने वाले उपराष्ट्रपति का चुनाव सिर्फ संवैधानिक नहीं, बल्कि रणनीतिक चाल भी साबित होगा।
इन्हें भी देखे –
- स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में नगर पंचायत नगरी की बड़ी छलांग, देशभर में हासिल किया 37वां स्थान
- छत्तीसगढ़ में जमीन की रजिस्ट्री पर नया कानून: 5 डिसमिल से कम भूमि की बिक्री पर रोक, नामांतरण प्रक्रिया होगी सरल
- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: स्वास्थ्य कारण बताए, संसद सत्र में पद छोड़ने वाले पहले उपराष्ट्रपति
