
Corona JN1 -पाकिस्तान में कोरोना से एक सप्ताह में 4 मौतें, कराची में हर दिन 8-10 संक्रमित मिल रहे; भारत में JN.1 वैरिएंट के 261 नए केस
पाकिस्तान के कराची शहर में बीते एक सप्ताह में कोरोना संक्रमण के कारण चार लोगों की जान चली गई। मृतकों में अधिकांश बुजुर्ग थे, जो पहले से ही गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे। सभी मौतें कराची के आगा खान यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में दर्ज की गईं, जहां पिछले कुछ समय से कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।
कराची में हर दिन सामने आ रहे 8-10 कोरोना पॉजिटिव
श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. जावेद खान के अनुसार, बीते सप्ताह कराची में प्रतिदिन औसतन 8 से 10 कोविड-19 पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। वहीं, सिंध प्रांत की स्वास्थ्य मंत्री डॉ. आजरा पेचुहो ने मौजूदा स्थिति पर कोई स्पष्ट टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
पाकिस्तान के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के एक अधिकारी ने बताया कि जांच के लिए सीमित सैंपल मिल रहे हैं, लेकिन उनमें से 10 से 20 प्रतिशत में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो रही है। इसके चलते अभी स्थिति की वास्तविक गंभीरता को समझने के लिए और आंकड़ों की आवश्यकता है।
भारत में कोरोना के 261 नए मामले, Corona JN1 वैरिएंट मुख्य कारण
भारत में 19 मई 2025 को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोना के 261 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें केरल से 95, तमिलनाडु से 66 और महाराष्ट्र से 56 केस शामिल हैं। दो मौतें मुंबई में हुई हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इन मामलों के पीछे ओमिक्रॉन का नया Corona JN1 वैरिएंट और उसके सब-वैरिएंट्स LF7 और NB1.8 जिम्मेदार हैं।
हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह वैरिएंट पहले की तुलना में अधिक खतरनाक नहीं है, लेकिन कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर इसका असर अधिक हो सकता है।
एशिया में भी बढ़ रहे कोरोना के मामले
सिर्फ भारत और पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया में कोरोना मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। सिंगापुर में 13 मई तक 14,200, थाईलैंड में 17 मई तक 33,030 और हॉन्गकॉन्ग में 10 मई तक 1,042 नए मामले दर्ज किए गए हैं।
Corona JN1 वैरिएंट: दुनिया के कई हिस्सों में प्रमुख रूप से फैला
Corona JN1 वैरिएंट को अगस्त 2023 में पहली बार पहचाना गया था और दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। इसमें लगभग 30 म्यूटेशन हैं जो इम्यूनिटी को कमजोर कर सकते हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, यह वैरिएंट पहले के स्ट्रेनों की तुलना में अधिक तेजी से फैल सकता है, हालांकि यह ज्यादा गंभीर नहीं है।
इस वैरिएंट के लक्षण कुछ दिन से लेकर हफ्तों तक बने रह सकते हैं और कई मामलों में ‘लॉन्ग कोविड’ का खतरा भी रहता है।