
छत्तीसगढ़ सरकार – छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण पर चल रहे विरोध के बीच स्कूल शिक्षा विभाग ने एक अहम प्रशासनिक निर्णय लिया है। लगभग आठ वर्षों बाद विभाग ने 2813 व्याख्याताओं और प्रधान पाठकों को पदोन्नत कर प्राचार्य नियुक्त किया है।
अब इन प्राचार्यों की नियुक्ति हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में काउंसलिंग के माध्यम से की जाएगी। लंबे समय से प्रमोशन की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों के लिए यह कदम राहत लेकर आया है।
यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है जब प्रदेशभर में युक्तियुक्तकरण (पोस्ट रेशनलाइजेशन) की प्रक्रिया को लेकर असंतोष व्याप्त है। इस स्थिति में यह पदोन्नति आगे के शैक्षणिक प्रबंधन की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है।
इसके साथ ही, राज्य सरकार ने बर्खास्त 2621 बीएड धारक शिक्षकों के समायोजन का भी निर्णय लिया है। इन्हें सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पदों पर समायोजित किया जाएगा। इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है।
प्रमोशन की स्थिति:
बुधवार को जारी आदेश के अनुसार, ई संवर्ग के 1478 और टी संवर्ग के 1335 व्याख्याताओं को प्राचार्य के पद पर पदोन्नत किया गया है। इन सभी को हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में रिक्त पदों पर तैनात किया जाएगा। हालांकि अभी केवल प्रमोशन की सूचना जारी हुई है, जबकि पोस्टिंग अगले सप्ताह काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से होगी।
2016 के बाद पहली बार प्रमोशन, कई रिटायर हो चुके इंतजार में
स्कूल शिक्षा विभाग में अंतिम प्रमोशन वर्ष 2016 में और आदिम जाति कल्याण विभाग में वर्ष 2013 में हुआ था। तब से लगातार पदोन्नति की मांग हो रही थी, लेकिन हर बार कोई न कोई बाधा आ जाती थी। इंतजार इतना लंबा हो गया कि कई शिक्षक बिना प्रमोशन के ही सेवानिवृत्त हो गए।
युक्तियुक्तकरण से पहले यह कदम क्यों अहम है?
राज्य में वर्तमान में शिक्षक पदस्थापना को लेकर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया विवादों में है। शिक्षकों के विरोध के बीच कांग्रेस पार्टी ने भी खुलकर समर्थन दिया है।
इस माहौल में 2813 शिक्षकों का प्राचार्य पद पर प्रमोशन और उनकी पोस्टिंग की तैयारियां यह संकेत दे रही हैं कि सरकार पहले स्कूल प्रबंधन को मज़बूत कर रही है, ताकि युक्तियुक्तकरण के दौरान नेतृत्व सक्षम स्कूलों में शिक्षक नियुक्त किए जा सकें।
युक्तियुक्तकरण से पहले प्रमोशन के कारण:
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स्कूल विलय के बाद कई प्राचार्य पदों पर नियुक्ति आवश्यक हो गई है।
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लम्बे समय से प्रमोशन रुके होने से व्याख्याताओं में असंतोष था।
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पदोन्नति के साथ ट्रांसफर से नाराजगी को कम करने की कोशिश है।
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प्राचार्य स्तर के प्रमोशन से नीचे के स्तर (PGT, TGT) पर रिक्तियां बनेंगी, जिससे नई भर्तियों का रास्ता खुलेगा।
काउंसलिंग से होगा अंतिम प्लेसमेंट
स्कूल शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग की जिम्मेदारी लोक शिक्षण संचालनालय को दी है। अगले सप्ताह इस प्रक्रिया का कार्यक्रम तय किया गया है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह प्रमोशन हाईकोर्ट में विचाराधीन याचिकाओं के अंतिम निर्णय पर निर्भर रहेगा।
अन्य पदोन्नतियां भी संभव
सूत्रों के अनुसार, प्राचार्य के बाद अब व्याख्याताओं की नई प्रमोशन सूची तैयार हो चुकी है और जल्द ही उनके आदेश भी जारी किए जा सकते हैं। इससे साफ है कि शिक्षा विभाग अब लंबे समय से लंबित फाइलों, आदेशों और नियुक्तियों की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रहा है।