
छत्तीसगढ़ शिक्षक भर्ती 2025: पहले चरण में 5,000 पदों पर होगी नियुक्ति, शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करने की पहल
रायपुर, मई 2025 – छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में शिक्षकों की कमी को दूर करने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षकों की चरणबद्ध भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की है। प्रथम चरण में 5,000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। विभागीय स्तर पर इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
सरकार की इस पहल का उद्देश्य राज्य में स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को संतुलित और प्रभावी बनाना है। इससे न केवल छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार होगा, बल्कि शिक्षकों की उपलब्धता और संसाधनों का भी अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।
शिक्षा में संतुलन लाने की बड़ी पहल
छत्तीसगढ़ में चल रहे युक्तियुक्तकरण अभियान के तहत ऐसे स्कूलों की पहचान की जा रही है जहां छात्र संख्या के अनुपात में या तो शिक्षक बहुत कम हैं या बहुत अधिक। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य है कि जहां जरूरत है वहां शिक्षक भेजे जाएं, और सभी स्कूलों में शिक्षा की निरंतरता बनी रहे।
राज्य के आंकड़ों के अनुसार:
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30,700 प्राथमिक स्कूलों में औसतन 21.84 छात्र प्रति शिक्षक हैं।
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13,149 पूर्व माध्यमिक स्कूलों में यह अनुपात 26.2 छात्र प्रति शिक्षक है।
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हालांकि 212 प्राथमिक स्कूल अभी भी शिक्षकविहीन हैं और 6,872 स्कूलों में केवल एक शिक्षक कार्यरत है।
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इसी प्रकार, 48 पूर्व माध्यमिक स्कूल पूरी तरह शिक्षक विहीन हैं और 255 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक है।
इस असंतुलन को दूर करने के लिए युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है।
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बच्चों को मिलेगा बेहतर शिक्षण वातावरण
इस प्रक्रिया के माध्यम से:
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ऐसे स्कूल जिनमें बहुत कम छात्र हैं, उन्हें नजदीकी अच्छे संसाधनों वाले स्कूलों के साथ जोड़ा जाएगा।
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शिक्षक विहीन और एकल-शिक्षक स्कूलों की समस्या समाप्त की जाएगी।
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स्कूल परिसरों में प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक कक्षाएं एक ही स्थान पर संचालित की जाएंगी, जिससे छात्रों को बार-बार प्रवेश की आवश्यकता नहीं होगी और उनकी पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी।
ड्रॉपआउट दर में आएगी गिरावट
एकीकृत विद्यालय परिसर और युक्तियुक्त शिक्षक व्यवस्था से:
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छात्रों को लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर, अच्छी बिल्डिंग और अन्य सुविधाएं एक ही जगह मिल सकेंगी।
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इससे ड्रॉपआउट दर घटेगी और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ होगी।
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ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर उन्नत होगा।
शिक्षकों का दक्षता आधारित समायोजन
सरकार की मंशा है कि छात्रों को विषय विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध कराए जाएं। इसलिए युक्तियुक्तकरण के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि:
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छात्रों को उनके विषय के अनुसार योग्य शिक्षक मिलें।
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संसाधनों का समान वितरण हो।
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शिक्षा का स्तर पूरे राज्य में संतुलित और प्रभावी बने।
छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास राज्य की शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल बच्चों को फायदा मिलेगा, बल्कि शिक्षकों की भी सही जगह पर उपयोगिता सुनिश्चित होगी।
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