
देश में स्वतंत्रता के बाद पहली बार जातिगत जनगणना कराए जाने जा रही है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे पहले, एक राज्य में जातिगत आबादी को लेकर एक रिपोर्ट सोशल मीडिया पर सामने आई थी, जो लीक बताई गई थी।
छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की जनसंख्या सबसे अधिक पाई गई है। यहां भूतपूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जातीय जनगणना का मूल्यांकन करने के लिए एक क्वांटिफायबल डेटा रिपोर्ट तैयार करवाई गई थी। हालांकि यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई, लेकिन इसका कुछ हिस्सा लीक होकर सामने आ गया।
रिपोर्ट के अनुसार—राज्य में किस जाति के कितने लोग हैं, और इस डेटा संग्रहण पर कितना खर्च आया—इसका विवरण नीचे है:
OBC वर्ग सबसे बड़ा, साहू समाज अव्वल
लीक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में कुल 1,25,07,169 लोगों के आंकड़ों में OBC वर्ग की संख्या सबसे अधिक थी। इस वर्ग में 95 जातियों को शामिल किया गया है, जो OBC और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों से संबंधित हैं।
सबसे बड़ी संख्या साहू समाज की है, जिनकी संख्या 30,05,661 बताई गई है। इसके बाद यादव समाज की जनसंख्या 22,67,500 है। तीसरे स्थान पर निषाद समाज है, जिनकी संख्या 11,91,818 है।
11 सितंबर 2019 को जारी हुआ था आदेश
तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने 11 सितंबर 2019 को एक आदेश जारी कर राज्य में क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन किया था। इस आयोग का नेतृत्व बिलासपुर के पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश छविलाल पटेल को सौंपा गया था।
आयोग का उद्देश्य OBC और EWS वर्गों की जनसंख्या का सर्वेक्षण कर तथ्यात्मक डाटा एकत्र करना था। आयोग को छह महीने में रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन आवश्यकता अनुसार इसका कार्यकाल 10 बार बढ़ाया गया और अंतिम बार 31 दिसंबर 2022 तक बढ़ाया गया था।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट 21 नवंबर 2022 को राज्य सरकार को सौंप दी थी। यह पूरी प्रक्रिया एक मोबाइल ऐप के माध्यम से की गई थी, जिस पर कुल खर्च 1 करोड़ 7 लाख 6 हजार 856 रुपए आया।
CM विष्णुदेव साय ने केंद्र के फैसले की सराहना की
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए निर्णय को ऐतिहासिक और देश के समग्र विकास के लिए उपयुक्त बताया। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस हमेशा जातिगत जनगणना का विरोध करती रही है। वर्ष 2010 में भी जब अधिकांश दल सहमत थे, कांग्रेस ने जाति गणना को रोका।
भूपेश बघेल ने ट्वीट कर केंद्र को घेरा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आखिरकार केंद्र सरकार को झुकना पड़ा। राहुल गांधी द्वारा उठाई गई जातिगत जनगणना की मांग और विपक्षी दलों के दबाव के चलते सरकार को यह निर्णय लेना पड़ा।
उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग इसे जातिवादी राजनीति बता रहे थे, आज उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो रही होगी।
बीजेपी ने भी किया सोशल मीडिया पोस्ट
केंद्रीय मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, बीजेपी छत्तीसगढ़ के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर यह जानकारी साझा की गई कि मोदी सरकार अब जातिगत जनगणना कराएगी। इसमें लिखा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।