Chhattisgarh Liquor Scam Highcourt Denies Bail: हाईकोर्ट से आबकारी विभाग के 29 अधिकारियों को बड़ा झटका, जानिए पूरा मामला
बिलासपुर, 18 अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में फंसे आबकारी विभाग के अधिकारियों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सभी 29 अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं।
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की ओर से चल रही जांच से बचने के लिए इन अधिकारियों ने अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की थी। लेकिन जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद स्पष्ट कहा कि आरोपी अधिकारियों को निचली अदालत में सरेंडर करना होगा और वहीं से नियमित जमानत की मांग करनी होगी।
ईओडब्लू की ओर से पेश हुआ चौथा चालान
इस मामले में हाल ही में ईओडब्लू ने चतुर्थ पूरक चालान अदालत में पेश किया। यह चालान 5 जुलाई को दाखिल होना था, लेकिन विशेष न्यायाधीश की अनुपस्थिति के कारण इसमें विलंब हुआ। समन मिलने के बावजूद गिरफ्तारी के डर से 29 आरोपी अधिकारी न्यायालय में पेश नहीं हुए। अब उन्हें 20 अगस्त तक सरेंडर करने की मोहलत दी गई है।

कवासी लखमा के संरक्षण में घोटाले का आरोप
जांच में सामने आया है कि यह पूरा घोटाला सुनियोजित तरीके से किया गया था और इसमें तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का संरक्षण प्राप्त था।
जांच एजेंसी के मुताबिक, अवैध कमाई से प्राप्त धनराशि को आरोपी अधिकारियों ने अपने निजी और पारिवारिक हितों में खर्च किया।
अब तक 13 आरोपी गिरफ्तार
अब तक इस घोटाले में 13 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा, विजय भाटिया जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
वहीं, एफआईआर में अब तक 70 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
3200 करोड़ से अधिक का घोटाला
ईओडब्लू की जांच रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 60,50,950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री की गई।
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यह शराब चयनित जिलों की अधिक खपत वाली दुकानों में वैध शराब के साथ समानांतर रूप से बेची जाती थी।
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बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर प्रदेश के कई जिलों में यह अवैध तंत्र चलाया गया।
अनुमान है कि इस घोटाले की कुल राशि 3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।
निलंबित हुए अधिकारी
शराब घोटाले में फंसे अधिकारियों पर प्रशासन ने निलंबन की कार्रवाई भी की है। निलंबित अधिकारियों में शामिल नाम इस प्रकार हैं:
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जनार्दन कौरव
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अनिमेष नेताम
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विजय सेन शर्मा
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अरविंद पाटले
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प्रमोद नेताम
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रामकृष्ण मिश्रा
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विकास गोस्वामी
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नवीन प्रताप सिंह तोमर
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मंजुश्री कसेर
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सौरभ बख्शी
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दिनकर वासनिक
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सोनल नेताम
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प्रकाश पाल
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अलेख राम सिदार
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आशीष कोसम
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राजेश जायसवाल
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इकबाल खान
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नितिन खंडुजा
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मोहित जायसवाल
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गरीबपाल सिंह दर्दी
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नीतू नोतानी ठाकुर
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नोहर सिंह ठाकुर
(कुल 29 अधिकारी)
