
Anti Conversion Law
Chhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की ED के हाथों गिरफ्तारी, कांग्रेस ने बताया ‘अडाणी विरोध’ की सजा
मुख्य बिंदु:
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चैतन्य बघेल को शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर ED ने किया गिरफ्तार
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कांग्रेस का आरोप – अडाणी के खिलाफ आवाज उठाने पर की जा रही कार्रवाई
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2000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला, IAS अफसर, कारोबारी और राजनेताओं के नाम
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चैतन्य को 5 दिन की ED रिमांड पर भेजा गया
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?
छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार से जुड़ा एक बड़ा मामला है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया कि तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में 2000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ। इसमें शामिल बताए जा रहे प्रमुख नाम:
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IAS अधिकारी अनिल टुटेजा
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आबकारी विभाग के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी
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कारोबारी अनवर ढेबर
ED ने दावा किया है कि इन लोगों ने मिलकर एक सिंडिकेट के माध्यम से अवैध शराब बिक्री और कमीशन के जरिए काले धन को सफेद किया।
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और ED की कार्रवाई
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शुक्रवार सुबह भिलाई से ED ने गिरफ्तार किया। इसके बाद उन्हें रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें 5 दिन की ED रिमांड पर भेज दिया गया है।
पूछताछ रायपुर ED कार्यालय में की जा रही है। इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस में जबरदस्त नाराजगी है।
भूपेश बघेल का बड़ा आरोप: “मोदी-शाह ने अपने मालिक को खुश करने के लिए भेजी ED”
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। हमें अडाणी द्वारा तमनार क्षेत्र में पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाना था। ‘साहेब’ ने ED भेज दी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी अडाणी के खिलाफ मुद्दा उठाया जाता है, केंद्र सरकार दबाव बनाती है।
विधानसभा में गूंजा मामला, कांग्रेस का बहिष्कार
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कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा कार्यवाही का बहिष्कार किया
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नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत बोले: “ED का राजनीतिक दुरुपयोग हो रहा है”
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विधायक उमेश पटेल ने कहा: “जब भी अडाणी पर हमला होता है, तब कांग्रेस नेताओं को टारगेट किया जाता है”
अडाणी, जंगल और जनविरोध: क्या पेड़ों की कटाई की आवाज को दबाया जा रहा है?
भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि तमनार क्षेत्र में अडाणी के लिए जंगल उजाड़ा जा रहा है, और जो भी इसका विरोध करता है, उसे डराने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा:
“एक पेड़ मां के नाम और सारा जंगल…? न पेसा कानून का पालन, न एनजीटी के निर्देशों का सम्मान, न ही विधानसभा में पारित प्रस्ताव का।”
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला अब एक राजनीतिक युद्धभूमि में बदल गया है। एक ओर ED की गिरफ्तारी और जांच की कार्रवाई है, दूसरी ओर कांग्रेस इसे ‘लोकतांत्रिक आवाज़ों को दबाने की साजिश’ बता रही है।
यह मामला केवल घोटाले तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि इसमें अडाणी, जंगल, राजनीतिक विरोध और केंद्र बनाम राज्य की बहस भी शामिल हो गई है।
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