Chhattisgarh Ganeshotsav Guidelines: बिना अनुमति पंडाल लगाने पर होगा एक्शन, चौराहों पर परमिशन नहीं; बड़े आयोजनों के लिए ले-आउट मैप जरूरी
छत्तीसगढ़ में इस साल गणेशोत्सव और अन्य सार्वजनिक आयोजनों को लेकर नगरीय प्रशासन विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। नियमों के अनुसार बिना अनुमति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पंडाल, धरना, जुलूस, सभा या रैली आयोजित नहीं की जा सकेगी।
पंडाल बनाने के नियम
-
पंडाल और अन्य भवनों के बीच 15 फीट खुली जगह अनिवार्य होगी।
-
बिजली की तारों के नीचे पंडाल बनाने की अनुमति नहीं है।
-
बड़े पंडाल के लिए ले-आउट मैप पहले से जमा करना जरूरी होगा।
-
आयोजन स्थल पर फायर एग्जिट, अग्निशमन यंत्र और फर्स्ट एड बॉक्स रखना अनिवार्य होगा।
आवेदन की प्रक्रिया और समय सीमा
-
आयोजन के लिए आवेदन कम से कम 7 दिन पहले देना होगा।
-
500 लोगों और 5000 वर्गफीट तक के आयोजनों के लिए आवेदन प्रारूप-A में देना होगा।
-
सक्षम अधिकारी जरूरत पड़ने पर अन्य विभागों से NOC ले सकते हैं।
-
मुख्य सड़क या चौराहे पर पंडाल की अनुमति नहीं मिलेगी। यदि अनुमति दी जाती है तो वैकल्पिक मार्ग अनिवार्य होगा।
आयोजकों की जिम्मेदारियां
-
आयोजन समिति को आयोजन के तुरंत बाद स्थल की सफाई करनी होगी।
-
अस्थायी शौचालय, पानी और कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी।
-
अनुमति मिलने के बाद भी आयुक्त/सीएमओ किसी भी समय अनुमति रद्द कर सकते हैं।
बड़े आयोजनों के लिए कड़े नियम
-
बड़े आयोजनों का आवेदन प्रारूप-C में जमा करना होगा।
-
इसके साथ निम्न विभागों से NOC जरूरी होगी:
-
अनुविभागीय दंडाधिकारी (राजस्व विभाग)
-
थाना प्रभारी (पुलिस विभाग)
-
जिला सेनानी होमगार्ड (अग्निशमन विभाग)
-
कार्यपालन अभियंता/सहायक अभियंता (विद्युत विभाग)
-
-
अनुमति का निर्णय 3 दिनों में होगा।

अन्य जरूरी नियम
-
आयोजन स्थल पर CCTV कैमरे लगाने होंगे।
-
पर्याप्त संख्या में स्वयंसेवकों की पहचान-पत्र सहित तैनाती करनी होगी।
-
आयोजन समिति का नाम और सदस्यों की सूची स्थल पर प्रदर्शित करनी होगी।
-
पंडाल का ले-आउट मैप स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होना चाहिए।
-
पार्किंग के लिए अलग स्थान चिह्नित करना अनिवार्य होगा।
-
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान होने पर उसकी भरपाई आयोजकों से वसूली जाएगी।
-
सक्षम अधिकारी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की सहमति से अन्य शर्तें भी जोड़ सकते हैं।

