
Engineering Syllabus-
छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा को भारतीय परंपरा और मूल्यों से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से राज्य के इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में श्रीमद्भागवत गीता, भारतीय संस्कृति, खगोल विज्ञान, ज्योतिष और संविधान जैसे विषयों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किए गए सुधारों का हिस्सा है।
2024 में राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने NEP लागू की थी और अब यह पहल तकनीकी शिक्षा संस्थानों पर लागू की जा रही है। पाठ्यक्रम को अपडेट करते हुए जहां पुराने विषयों की सामग्री में बदलाव किया गया है, वहीं चार नए विषयों को जोड़ा गया है।
मुख्य बिंदु:
1. मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट प्रणाली
अब छात्र यदि किसी कारणवश इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़ते हैं, तो भी उन्हें एक वर्ष बाद सर्टिफिकेट, दो वर्षों के बाद डिप्लोमा और चार वर्ष पूरे होने पर डिग्री मिल सकेगी। यह लचीलापन छात्रों को नई संभावनाएं देगा।
2. स्किल-बेस्ड विषय
अब पहले वर्ष में सामान्य विषयों के साथ एक स्किल-आधारित विषय भी जोड़ा जाएगा। उदाहरण के लिए, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ा विषय पढ़ाया जाएगा। दूसरे वर्ष में भी एक नया स्किल विषय रहेगा।
3. ब्रांच के अनुसार फिजिक्स का पाठ्यक्रम
पहले सभी ब्रांच के छात्र एक ही तरह की फिजिक्स पढ़ते थे। अब इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल के लिए अलग-अलग फिजिक्स पुस्तकें और पाठ्यक्रम होंगे, जिससे शिक्षा और अधिक विषय-केंद्रित होगी।
4. भारतीय परंपरा और ज्ञान की पढ़ाई
नए पाठ्यक्रम में प्राचीन गणित, ज्योतिष और भारतीय स्थापत्य कला को शामिल किया गया है। छात्रों को आर्यभट्ट, वराहमिहिर और ब्रह्मगुप्त जैसे विद्वानों के कार्यों का अध्ययन कराया जाएगा। इसके अलावा भारतीय परंपरागत ज्ञान, खगोलशास्त्र, वास्तुकला और संस्कृति से जुड़े अध्याय अनिवार्य होंगे।
5. भारतीय संविधान का समावेश
पाठ्यक्रम में संविधान की मूल बातें, नागरिक अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी भी दी जाएगी। यह विषय सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगा चाहे वे किसी भी इंजीनियरिंग ब्रांच से हों।
छात्रों को पढ़ाए जाने वाले चार नए विषय:
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फर्स्ट सेमेस्टर: Foundation Course of Ancient Indian Knowledge System
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सेकंड सेमेस्टर: Shrimad Bhagavad Gita – Manual of Life and Universe
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थर्ड सेमेस्टर: Indian Traditional Knowledge Science and Practices
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फोर्थ सेमेस्टर: Indian Culture and Constitution of India
संस्थानों में बदलाव की तैयारी पूरी
राज्य के 28 इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस बदलाव को लागू करने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विस्तृत योजना और शिक्षकों के प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
निष्कर्ष
यह परिवर्तन छात्रों को न केवल बेहतर इंजीनियर बनने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें एक जागरूक, संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक भी बनाएगा। छत्तीसगढ़ का यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणादायक साबित हो सकता है।
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