
Chhattisgarh Covid News -कोविड का नया वैरिएंट JN.1: छत्तीसगढ़ में बढ़ रहा खतरा, डायबिटीज और स्मोकर्स के लिए ज्यादा खतरनाक
छत्तीसगढ़ में कोविड का नया वैरिएंट JN.1 धीरे-धीरे फैल रहा है। फिलहाल प्रदेश में कुल 19 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 13 केवल रायपुर से हैं। अन्य मामले दुर्ग (3), बिलासपुर (2) और बस्तर (1) से सामने आए हैं। हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक यह वैरिएंट पहले के मुकाबले कम खतरनाक है, लेकिन पहले से बीमार लोगों, खासकर डायबिटीज और स्मोकिंग करने वालों के लिए यह अधिक घातक साबित हो सकता है।
कम खतरनाक लेकिन सावधानी जरूरी
मेकाहारा के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ. आर. के. पांडा के अनुसार, अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं। लेकिन जिन व्यक्तियों को पहले से डायबिटीज, हार्ट डिजीज या फेफड़ों की बीमारी है, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। खासकर चेन स्मोकर्स और बुजुर्ग मरीजों को यह नया वैरिएंट तेजी से प्रभावित कर सकता है।
देशभर में फैल रहा JN.1 वैरिएंट
देश के अधिकांश राज्यों में यह वैरिएंट फैल चुका है। अब तक 4,302 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं और 44 से अधिक मौतें भी दर्ज की गई हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि इस वैरिएंट का फैटेलिटी रेट सिर्फ 2% है।
मेकाहारा में स्थिति नियंत्रण में, गंभीर केस नहीं
मेकाहारा अस्पताल में अब तक किसी भी गंभीर कोविड केस की पुष्टि नहीं हुई है। 28 मई से कोविड ओपीडी शुरू की गई है और अब तक 31 मरीजों का RTPCR टेस्ट किया गया है। स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है और 15 बेड वाला ICU भी तैयार रखा गया है।
DKS में टेस्टिंग ठप, ऑक्सीजन प्लांट बंद
DKS अस्पताल में कोविड टेस्टिंग नहीं हो रही है क्योंकि अस्पताल प्रशासन को अब तक कोविड को लेकर कोई विशेष एडवाइजरी नहीं मिली है। सबसे बड़ी चिंता ऑक्सीजन प्लांट को लेकर है। पिछली लहर के दौरान DKS और अन्य सरकारी अस्पतालों में जो ऑक्सीजन प्लांट पीएम केयर्स फंड से लगाए गए थे, वे अब बंद पड़े हैं।
DKS अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट हेमंत शर्मा ने बताया कि CGMSC से लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट के लिए एनओसी नहीं मिली है। मौजूदा ऑक्सीजन प्लांट केवल 60% डिमांड ही पूरी कर पा रहा है। शेष 40% जरूरत को प्राइवेट एजेंसियों से सिलेंडर लेकर पूरा किया जा रहा है, जिसकी लागत प्रति माह लगभग 16 लाख रुपए आ रही है।
प्राइवेट सिलेंडरों पर निर्भरता बढ़ने का खतरा
यदि कोविड के मामले तेजी से बढ़ते हैं, तो सरकारी अस्पतालों के पास पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं होगी और मरीजों को प्राइवेट सिलेंडर खरीदने होंगे। एक जंबो सिलेंडर की कीमत 300 से 400 रुपए है और यह सिर्फ 4–5 मिनट तक ही चलता है।
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ट्रैवल हिस्ट्री नहीं, फिर भी बढ़ रहे मामले
बुधवार को राज्य में 4 नए कोविड केस सामने आए, जिनमें से 3 रायपुर और 1 बिलासपुर से थे। इनमें से किसी की भी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। 13 में से 12 मरीज होम आइसोलेशन में हैं, जबकि एक मरीज का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है।
सर्दी-खांसी के केस में भी बढ़ोतरी
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, सर्दी-खांसी और बुखार जैसे लक्षणों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (ILI) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (SARI) के लक्षण दिखाई देने पर मरीजों की रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई है।
कोविड टेस्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग के निर्देश
कोविड लक्षणों वाले मरीजों की तत्काल स्क्रीनिंग और RTPCR टेस्ट के निर्देश दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए AIIMS रायपुर भेजे जाएंगे। मितानिनों के माध्यम से समुदाय स्तर पर रिपोर्टिंग की जा रही है।
अस्पतालों को निर्देश और दवाइयों की उपलब्धता
स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को आवश्यक दवाइयों और सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में मरीजों को तत्काल इलाज मिल सके।
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