Chhattisgarh CGPSC Scam -CBI ने सोनवानी को बताया मास्टरमाइंड:2000 पन्नों का पूरक चालान पेश; टामन ने आरती-ललित के साथ पेपर कॉपी कराया, फिर करीबी-रिश्तेदारों को दिया
रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में CBI ने बड़ा खुलासा किया है। सोमवार को एजेंसी ने स्पेशल कोर्ट में 2000 पन्नों का पूरक चालान पेश करते हुए आयोग के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड बताया।
इस घोटाले में पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर, निशा कोसले और दीपा आदिल सहित कई लोग आरोपी बनाए गए हैं। फिलहाल, 12 आरोपी जेल में न्यायिक रिमांड पर बंद हैं।
कैसे हुआ पेपर लीक?
CBI के अनुसार, जनवरी 2021 में पेपर छापने का ठेका कोलकाता स्थित एकेडी प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया।
प्रिंटिंग से पहले सात सेट पर्चे रायपुर लाए गए और आरती वासनिक को सौंपे गए।
आरती ने पर्चे टामन और ललित गणवीर के साथ खोलकर कॉपी कराए और फिर उन्हें वापस सील कर प्रिंटिंग के लिए भेज दिया।
किसे मिला फायदा?
टामन सिंह सोनवानी ने पेपर अपने घर पर साहिल, नितेश, निशा कोसले और दीपा आदिल को उपलब्ध कराया।
दीपा आदिल → जिला आबकारी अधिकारी
निशा कोसले → डिप्टी कलेक्टर
साहिल सोनवानी → डीएसपी
नितेश सोनवानी → डिप्टी कलेक्टर बने।
ललित गणवीर ने प्रश्नपत्र उद्योगपति श्रवण गोयल को सौंपा। उनके बेटे शशांक और बहू भूमिका कटियार ने उससे तैयारी की और दोनों डिप्टी कलेक्टर चुने गए।
171 पदों के लिए हुई थी भर्ती
CGPSC 2021 परीक्षा 171 पदों के लिए आयोजित की गई।
13 फरवरी 2022 को प्री परीक्षा में 2565 अभ्यर्थी पास हुए।
26 से 29 मई 2022 तक हुई मेंस परीक्षा में 509 उम्मीदवार पास हुए।
इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की अंतिम लिस्ट जारी हुई।
अब तक की कार्रवाई

18 नवंबर 2023: CBI ने तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और उद्योगपति श्रवण गोयल को गिरफ्तार किया।
10 जनवरी 2024: नितेश सोनवानी, ललित गणवीर, शशांक गोयल, भूमिका कटियार और साहिल सोनवानी गिरफ्तार हुए।
19 सितंबर 2024: आरती वासनिक, जीवनलाल ध्रुव, सुमित ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आदिल को हिरासत में लिया गया।
घोटाले की गंभीरता
यह घोटाला 2020 से 2022 के बीच की भर्ती प्रक्रियाओं से जुड़ा है। आरोप है कि परीक्षा और इंटरव्यू में पारदर्शिता को दरकिनार कर प्रभावशाली परिवारों के करीबी उम्मीदवारों को उच्च पदों पर चयनित किया गया। कई योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार किया गया।
👉 फिलहाल, CBI की जांच जारी है और कोर्ट में आगे की सुनवाई में नए खुलासे हो सकते हैं।
