Chhattisgarh Cabinet Vistaar -कल राजभवन में 10:30 बजे 3 मंत्री लेंगे शपथ: इनमें खुशवंत साहेब, राजेश अग्रवाल, गजेंद्र यादव का नाम, नए चेहरों को मंत्रिमंडल में मौका
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का विस्तार तय हो गया है। कल सुबह साढ़े 10 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा। इस संबंध में भाजपा विधायक दल के सचेतक सुशांत शुक्ला ने लेटर जारी कर पुष्टि की है। जानकारी के मुताबिक दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव, अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल और आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब नए मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
तीनों विधायकों को शपथ ग्रहण के लिए राजभवन पहुंचने का मैसेज भेजा जा चुका है। वहीं स्टेट गैरेज में तीनों नए मंत्रियों के लिए वाहन भी तैयार कर दिए गए हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार को राज्यपाल रामेन डेका से मुलाकात की थी।

राज्यपाल और सीएम की गतिविधियां
राज्यपाल रामेन डेका सोमवार सुबह जगन्नाथ मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे। मीडिया से चर्चा में उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत दिए और कहा कि “कुछ तो होने वाला है”। उधर सीएम साय ने भी पहले कहा था कि “इंतजार करते रहिए, हो सकता है।”
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 21 अगस्त को जापान और दक्षिण कोरिया दौरे पर रवाना होंगे। इसके पहले शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

विपक्ष का आरोप
कांग्रेस पीसीसी चीफ दीपक बैज ने दावा किया कि बीजेपी के तीन सीनियर विधायकों ने इस्तीफे की धमकी दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कहीं इन्हीं धमकियों की वजह से मंत्रिमंडल विस्तार टला न हो। बैज ने कहा कि “पूर्व सीएम अपने करीबी को मंत्री बनवाने दिल्ली गए हैं। नए मंत्री बनते ही सरकार की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी।”
भाजपा संगठन का फॉर्मूला
भाजपा संगठन के अनुसार, विस्तार में सामाजिक और भौगोलिक संतुलन का ध्यान रखा जाएगा। माना जा रहा है कि एक मंत्री सामान्य वर्ग से, दूसरा अनुसूचित जनजाति वर्ग से और तीसरा पिछड़ा वर्ग से होगा। क्षेत्रीय संतुलन के लिए बिलासपुर, सरगुजा और दुर्ग संभाग से नए चेहरों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है।
कैबिनेट में तीन नए चेहरे जुड़ेंगे
संगठन के पदाधिकारियों के मुताबिक, तीन नए नेताओं को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जाएगी। हालांकि मौजूदा मंत्रियों की कुर्सी सुरक्षित रहेगी और उनके विभाग में कोई फेरबदल नहीं होगा।
हाल ही में राजनीतिक हलकों में लक्ष्मी राजवाड़े, दयालदास बघेल और टंकराम वर्मा को लेकर अटकलें थीं, लेकिन फिलहाल उनके शामिल होने की संभावना नहीं दिख रही है।
संसदीय सचिवों की नियुक्ति भी तय
अगस्त महीने में ही भाजपा सरकार संसदीय सचिव और निगम-मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति पर भी मुहर लगा सकती है। इस बार नियुक्तियों में सीनियर और जूनियर दोनों का संतुलन साधा जाएगा।
गौरतलब है कि संसदीय सचिव नियुक्त करने की परंपरा भाजपा शासनकाल में डॉ. रमन सिंह के समय शुरू हुई थी। तब कांग्रेस ने इसे असंवैधानिक बताते हुए कड़ा विरोध किया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद भूपेश बघेल सरकार ने भी इस परंपरा को बनाए रखा और 13 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया। अब भाजपा सरकार विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भी इन पदों को भरने की तैयारी में है।
