
रायपुर, 4 मई 2025।
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को कार्यभार संभाले कई महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक पूरा मंत्रिमंडल गठित नहीं हो सका है। इससे प्रशासनिक कार्यों में रुकावटें आ रही हैं और राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का माहौल गर्म है। इसी विषय पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने सरकार पर तीखा तंज कसा है।
भगत ने कहा, “भाजपा में मंत्री पद के दावेदार नेता इंतजार करते-करते कमजोर हो रहे हैं। उन्हें अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं, निर्णय अभी तक नहीं हुआ।” उन्होंने व्यंग्य करते हुए जोड़ा कि भाजपा नेता केवल प्रतीक्षा में हैं और हालात साफ नहीं हो रहे।
मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का कारण क्या?
अमरजीत भगत ने आरोप लगाया कि देरी के पीछे केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच तालमेल की कमी है। उन्होंने दावा किया कि “नागपुर लॉबी और गुजरात लॉबी” के बीच चल रहे मतभेदों के चलते राज्य में कैबिनेट का विस्तार अटका हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद ही छत्तीसगढ़ के कैबिनेट विस्तार को अंतिम रूप दिया जाएगा। पार्टी फिलहाल संगठनात्मक संतुलन को लेकर मंथन कर रही है।
प्रभावित हो रही प्रशासनिक प्रक्रिया
वर्तमान में सीमित संख्या में मंत्रियों की नियुक्ति के कारण कई महत्वपूर्ण विभागों में निर्णय प्रक्रिया धीमी हो गई है। विशेष रूप से शिक्षा विभाग जैसे मुख्य मंत्रालयों में स्थायी मंत्री न होने से नीति निर्माण में रुकावटें आ रही हैं।
विपक्ष और सरकार के बीच जुबानी जंग
विपक्ष ने इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा की आंतरिक विफलता बताया है, जबकि सत्ताधारी पार्टी इसे सोच-समझकर लिया गया निर्णय करार दे रही है। लेकिन जमीन पर सरकार की निष्क्रियता और निर्णय क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।
राजनीति में हलचल तेज
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा के नेता जहां हाईकमान के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं, वहीं विपक्ष लगातार हमला बोलकर सरकार की स्थिति को चुनौती दे रहा है।