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Chhattisgarh Assembly session -मानसून सत्र में उठा RI परीक्षा घोटाला, मूणत बोले- FIR क्यों नहीं? मंत्री टंकराम ने दी EOW जांच की सफाई
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र पहले ही दिन तीखे सवालों और सियासी बयानबाज़ी से गरमा गया। पटवारी से राजस्व निरीक्षक (RI) की परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा सदन में छाया रहा। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने सरकार को घेरते हुए पूछा कि अब तक इस मामले में FIR क्यों नहीं दर्ज की गई?
इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि मामले की जांच ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) द्वारा की जा रही है। लेकिन विपक्ष उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और CBI जांच की मांग करते हुए सदन से वॉकआउट कर गया।

क्या है मामला?
RI परीक्षा की प्रक्रिया विधानसभा चुनाव से ठीक 2-3 महीने पहले शुरू हुई थी और इसके नतीजे फरवरी 2024 में जारी हुए। इसके तुरंत बाद परीक्षाओं में गड़बड़ी और पक्षपात के आरोप सामने आए। आरोप यह भी है कि कई उम्मीदवार आपस में रिश्तेदार थे और एक ही कमरे में बैठाए गए थे।
मानसून सत्र का वाक्य-वाक्य संवाद: RI परीक्षा घोटाले पर विधानसभा में सवाल-जवाब
राजेश मूणत:
राजस्व निरीक्षक (RI) की विभागीय परीक्षा में कितने अभ्यर्थी शामिल हुए?
टंकराम वर्मा :
पूर्व मंत्री राजेश मूणत इस विषय में गंभीर हैं। उनकी चिंता सही है।
स्पीकर:
मंत्रीजी, गंभीर आपको होना है।
टंकराम वर्मा:
परीक्षा की प्रक्रिया विधानसभा चुनाव से ठीक 2-3 महीने पहले शुरू हुई। परिणाम फरवरी 2024 में आए। परिणाम आने के बाद शिकायतों का सिलसिला शुरू हुआ। हमने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र भेजकर 5 सदस्यीय जांच समिति बनाई। जांच में अनियमितता सामने आई—जैसे कि भाई-भाई या रिश्तेदार एक ही कमरे में बैठे हुए पाए गए। हमारा विभाग इतनी गहराई तक जांच करने में सक्षम नहीं था, इसलिए हमने गृह विभाग को पत्र भेजा। गृह विभाग ने उत्तर दिया कि विभाग स्वयं सक्षम है, इसलिए एफआईआर करे और जांच कराए।
कॉल डिटेल निकालना, व्हाट्सएप ग्रुप मैसेज और मोबाइल लोकेशन की जांच संभव नहीं थी। इसलिए मामला फिर से ईओडब्ल्यू को सौंपा गया और अब उन्होंने जांच शुरू कर दी है।
राजेश मूणत:
गृह विभाग ने कहा कि विभाग कार्रवाई करने में सक्षम है। इसके बावजूद आपने एफआईआर क्यों नहीं करवाई? आपने इसे ईओडब्ल्यू को क्यों भेजा? आपने जांच के कितने बिंदु तय किए हैं, और क्या शर्तें रखी गई हैं?
टंकराम वर्मा:
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शिकायतकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज साक्ष्य की श्रेणी में नहीं आते। फिर भी कमेटी ने माना कि गड़बड़ी हुई है। लेकिन परीक्षा संचालन में जो असल दोषी हैं, वहां तक पहुंचने में हमारी क्षमता सीमित है। इसलिए मामला ईओडब्ल्यू को सौंपा गया है।
राजेश मूणत:
एफआईआर क्यों नहीं की गई जबकि यह पिछली सरकार के कार्यकाल का मामला है?
संगीता सिन्हा :
यह मामला आपके शासनकाल का है।
टंकराम वर्मा:
परीक्षा में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी।
राजेश मूणत:
मैं चाहता हूं कि आप सदन में यह आश्वासन दें कि आप ईओडब्ल्यू से जांच कराकर अगले सत्र से पहले दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।
टंकराम वर्मा:
हमारे विभाग से ईओडब्ल्यू 41 बिंदुओं पर जानकारी और पूछताछ की अनुमति ले चुका है। जांच प्रक्रिया चल रही है। अगले सत्र से पहले कार्रवाई होगी।
अजय चंद्राकर:
एफआईआर क्यों नहीं की गई? और यह तय किसने किया कि जांच ईओडब्ल्यू से कराई जाए?
टंकराम वर्मा:
हम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहे हैं। विभाग ने तय किया कि मामला ईओडब्ल्यू को सौंपा जाए।
भूपेश बघेल (नेता प्रतिपक्ष):
मंत्रीजी, आप भ्रष्टाचारियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। क्या आप इसकी सीबीआई जांच कराएंगे?
केदार कश्यप :
क्या आपको सीबीआई जांच पर भरोसा है?
भूपेश बघेल:
हमें तो सीबीआई जांच करानी ही होगी। मंत्री जी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं। हम उनके उत्तर से असंतुष्ट हैं, इसलिए हम सदन से वॉकआउट करते हैं।
सदन में उठे अन्य मुद्दे:
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में भर्ती में रोस्टर सिस्टम के उल्लंघन का मुद्दा उठाया। इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि 10 में से 8 विभागों में भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और शेष में जांच जारी है।
अब तक क्या हुआ?
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जांच समिति ने अनियमितता की पुष्टि की
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FIR नहीं हुई, मामला EOW के पास
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41 बिंदुओं पर पूछताछ की प्रक्रिया शुरू
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विपक्ष ने CBI जांच की मांग की और वॉकआउट किया
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मंत्री ने अगले सत्र से पहले कार्रवाई का भरोसा दिया
निष्कर्ष:
RI परीक्षा घोटाले ने मानसून सत्र के पहले ही दिन छत्तीसगढ़ की राजनीति में गर्मी ला दी है। जहां सरकार जांच का हवाला दे रही है, वहीं विपक्ष CBI जांच की मांग कर रहा है। अब देखना होगा कि क्या EOW की जांच से जनता को न्याय मिलेगा या CBI जांच का दबाव बढ़ेगा।
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