
रायपुर, 26 अप्रैल 2025। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय कार्य प्रणाली को तेज और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य के प्रमुख विभागों की 13 महत्वपूर्ण सेवाओं को पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत शामिल किया गया है, जिससे नागरिकों और व्यवसायियों को तय समयसीमा के भीतर सेवाएं उपलब्ध होंगी।
नवीन व्यवस्था के अंतर्गत छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल (CECB), वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, विधिक माप विज्ञान, नगर तथा ग्राम निवेश तथा जल संसाधन विभाग की विभिन्न सेवाएं शामिल हैं। इस कदम का उद्देश्य सरकारी अनुमतियों और स्वीकृतियों में अनावश्यक विलंब को समाप्त करना, कार्यक्षमता को बढ़ाना और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को सशक्त बनाना है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा,
“हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ में प्रत्येक नागरिक और व्यवसायी को तेजी से, पारदर्शी और उत्तरदायी सरकारी सेवाएं मिलें। 13 प्रमुख सेवाओं को पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत लाना इस दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है, जो निवेश और विकास को नई गति प्रदान करेगी।”
नई व्यवस्था के तहत निर्धारित समयसीमा के भीतर सेवा प्रदान करना अनिवार्य होगा। यदि किसी विभाग द्वारा सेवा समय पर नहीं दी जाती, तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय होगी। इससे सरकारी कार्यप्रणाली में न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि आम नागरिकों और उद्यमियों का सरकार के प्रति विश्वास भी मजबूत होगा।
किन सेवाओं को मिलेगा सीधा लाभ?
इस व्यवस्था में पर्यावरणीय स्वीकृतियां, औद्योगिक लाइसेंस, माप-तौल प्रमाणन, टाउन प्लानिंग से जुड़े अनुमोदन और जल संसाधन परियोजनाओं से संबंधित अनुमतियां शामिल हैं। अब नागरिकों और व्यापारियों को इन सेवाओं के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
रायपुर के अवंति बाई चौक के युवा व्यवसायी नान्हू अग्रवाल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा,
“पहले विभिन्न मंजूरियों के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था। अब समयसीमा तय होने से हमारे कारोबार की गति बढ़ेगी। यह वास्तव में व्यवसायियों के लिए बड़ी राहत है।”
पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत लाया गया यह सुधार सरकारी व्यवस्था में उत्तरदायित्व और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा। साथ ही छोटे और मध्यम उद्यमों को भी समयबद्ध सेवाओं के माध्यम से बड़ा लाभ मिलेगा। इससे छत्तीसगढ़ निवेशकों के लिए एक और अधिक आकर्षक गंतव्य बनकर उभरेगा।
सरकार का लक्ष्य भविष्य में और अधिक सेवाओं को भी इस कानून के दायरे में लाना है, ताकि प्रशासनिक प्रक्रिया और अधिक सरल एवं सुगम हो। यह पहल न केवल छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर अग्रसर करेगी, बल्कि “नए भारत” के निर्माण में भी राज्य की मजबूत भूमिका सुनिश्चित करेगी।