
CGPSC Exam Scam-
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) का नाम अब एक ऐसे संस्थान के रूप में उभर कर सामने आ रहा है, जहां पदों की बोली ऐसे लगाई गई जैसे सब्जी मंडी में टमाटर और आलू बिकते हैं। वर्ष 2021 में आयोजित परीक्षा को लेकर सीबीआई की जांच में सामने आए खुलासे चौंकाने वाले हैं।
बताया जा रहा है कि डिप्टी कलेक्टर जैसे पद के लिए 40 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक वसूले गए। ये सिर्फ आरोप नहीं, बल्कि सीबीआई जांच में सामने आई गंभीर सच्चाइयाँ हैं।
रिसॉर्ट में चली थी VIP कोचिंग:
CBI की जांच में सामने आया कि मेंस परीक्षा से पहले महासमुंद जिले के बारनवापारा स्थित एक रिसॉर्ट में 35 अभ्यर्थियों को गुप्त रूप से ठहराया गया। 14 दिन तक उन्हें वहीं रखा गया और संभावित प्रश्नों के उत्तर रटवाए गए। इसके बदले मोटी रकम वसूली गई।
अब तक की जांच और खुलासे:
-
रायपुर के एक नामी कोचिंग संचालक की भूमिका उजागर
-
कोचिंग संचालक ने कुछ लोगों के साथ मिलकर एक ‘सिंडिकेट’ बनाया
-
प्रभावशाली परिवारों के परीक्षार्थियों से की गई सीधी डील
-
डिप्टी कलेक्टर की कुर्सी के लिए वसूली गई 1 करोड़ रुपये तक की रकम
-
खास परीक्षार्थियों के मोबाइल जब्त कर उन्हें रिसॉर्ट में रखा गया
-
दो ‘पेपर सॉल्वर’ बुलाए गए, जिन्होंने उत्तर बताए
-
तत्कालीन लोक सेवा आयोग के कुछ अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त
-
रायपुर से रिसॉर्ट तक पहुंचाने के लिए विशेष बस की व्यवस्था
CBI की अब तक की कार्रवाई:
बीजेपी सरकार ने फरवरी 2024 में जांच सीबीआई को सौंपी। तब से अब तक 30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी हो चुकी है।
-
16 अप्रैल 2025 को रायपुर और महासमुंद में भी छापे पड़े
-
7 लोगों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है — जिनमें पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, व्यापारी श्रवण गोयल और चयनित परीक्षार्थी शामिल
-
मनी लॉन्ड्रिंग के संकेत मिलने पर ईडी ने भी जांच शुरू कर दी है
-
सूत्रों के अनुसार और भी बड़े नाम गिरफ्त में आ सकते हैं
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा:
“CBI की जांच में जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वे बताते हैं कि कांग्रेस सरकार के समय एक संगठित रैकेट के जरिए छत्तीसगढ़ के युवाओं के सपनों को बेचा गया। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
कांग्रेस का पक्ष:
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा:
“यदि गड़बड़ी हुई है तो जांच होनी चाहिए, लेकिन भाजपा इस जांच को राजनीतिक हथियार बना रही है। CGPSC जैसी संस्था को बदनाम करना उचित नहीं है।”
परिणामों पर उठे सवाल:
2021 में CGPSC ने 171 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। परीक्षा और साक्षात्कार के बाद मई 2023 में परिणाम आए।
-
टॉप 20 में से 15 अभ्यर्थी किसी न किसी प्रभावशाली परिवार से थे — कोई अफसर का बेटा, कोई नेता का भतीजा, तो कोई उद्योगपति का रिश्तेदार
-
लोगों ने आरोप लगाया कि चयन प्रक्रिया “जो सक्षम, वही योग्य” की तर्ज पर हुई
निष्कर्ष:
CGPSC 2021 भर्ती घोटाले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकारी नौकरियां भी अब खरीदी जा सकती हैं? CBI और ED की संयुक्त जांच से साफ है कि मामला सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि व्यवस्था पर गहरा हमला है।