
12वीं की छात्रा धनेश्वरी यादव प्रदेश में टॉप टेन में शामिल।
CGBSE Result – मजदूर की बेटी ने दीवार पर लिखा था टॉप करूंगी, आज मेरिट लिस्ट में नाम; कैंसर से जूझते हुए एक छात्रा ने हासिल किया पहला स्थान
छत्तीसगढ़ बोर्ड की 10वीं और 12वीं की मेरिट लिस्ट में शामिल विद्यार्थियों की कहानियां न केवल प्रेरणादायक हैं, बल्कि संघर्ष की मिसाल भी पेश करती हैं। किसी ने भगवान के भजन को पढ़ाई का सहारा बनाया तो किसी ने बीमारी की तकलीफों को दरकिनार कर टॉप किया।
एक छात्रा ने अपने घर की दीवार पर टारगेट लिख डाला—95% लाकर टॉप करना है। और जब रिजल्ट आया तो 96% अंक देखकर उसकी आंखें भर आईं। सैकड़ों छात्रों की मेहनत और सफलता के पीछे छुपी कहानियों की एक झलक यहां पढ़ें।
हमाली करने वाले पिता की बेटी बनी टॉपर
छात्रा धनेश्वरी यादव, 12वीं की टॉपर हैं। उनके पिता फगवा यादव हमाली का काम करते हैं—वो सिर और पीठ पर भारी बोझ उठाकर परिवार का पालन कर रहे हैं। मां भी मजदूरी करती थीं, लेकिन पिछले 6 महीनों से बीमार हैं और काम नहीं कर पा रहीं।
धनेश्वरी ने 96.4% अंक हासिल कर टॉप किया है। वह मंदिर हसौद के रावण भाटा इलाके की रहने वाली हैं। घर की आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि उनकी बहनों की पढ़ाई छूट गई। इसी को याद कर धनेश्वरी भावुक हो गईं।
परीक्षा से पहले उन्होंने अपने कमरे की दीवार पर लिखा था—“95% लाकर टॉप करूंगी।” जब रिजल्ट आया तो 500 में से 482 अंक आए। धनेश्वरी बताती हैं कि उन्होंने ज्यादा देर तक नहीं, बल्कि ध्यानपूर्वक पढ़ाई की और नोट्स बनाने पर जोर दिया। उनका लक्ष्य है—बीकॉम करके बैंक में अफसर बनना।


कैंसर के इलाज के दौरान भी पढ़ाई नहीं छोड़ी, बनीं प्रदेश की 10वीं टॉपर

कांकेर की छात्रा इशिका बाला ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में 99.16% अंक हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान पाया। लेकिन ये राह आसान नहीं थी—वह बीते दो साल से ब्लड कैंसर से लड़ रही हैं।
सितंबर 2023 में उन्हें कैंसर का पहला स्टेज डिटेक्ट हुआ। कीमोथेरेपी के दर्द और मानसिक तनाव के बावजूद उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी। इलाज में लगभग 15 लाख रुपये खर्च हुए, लेकिन परिवार और शिक्षकों के सहयोग से इशिका ने शानदार प्रदर्शन किया।
7 मई 2025 को रिजल्ट आया तो राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने उनके इलाज की जिम्मेदारी लेने की बात कही। इशिका अब पहले से बेहतर स्थिति में हैं। कक्षा 9वीं में तबीयत बिगड़ने के बाद वे 2024 की परीक्षा नहीं दे पाईं, लेकिन इस साल टॉप करके मिसाल कायम की।
सिर्फ 2-3 घंटे की पढ़ाई में 98% अंक, टॉपर बना रायपुर का छात्र
रायपुर के छात्र केतन साहू ने 10वीं में प्रदेशभर में आठवीं रैंक हासिल की है। उन्होंने 98% अंक प्राप्त किए। केतन बताते हैं कि वे केवल 2 से 3 घंटे पढ़ते थे, लेकिन पूरी फोकस के साथ।
पिता खुद शिक्षक हैं और तैयारी में पूरा सहयोग करते थे। केतन का मानना है कि रिवीजन, पुराने प्रश्नपत्र हल करना, डाउट क्लियर करना और राइटिंग प्रैक्टिस से उन्हें सफलता मिली। वे आगे चलकर सिविल सेवा में जाना चाहते हैं।
कृष्ण भजन सुनकर बनाई एकाग्रता, मेरिट में नाम दर्ज कराया
देवेंद्र नगर के आदर्श विद्यालय के छात्र कृष्णा कुमार पंजवानी ने 12वीं बोर्ड परीक्षा में राज्य स्तर पर नौवां स्थान पाया है। कृष्णा ने बताया कि वे आध्यात्मिक गतिविधियों में रुचि रखते हैं और भगवान कृष्ण के भजन सुनना उन्हें शांति देता है।
प्रैक्टिकल की तैयारी करते समय भी वे भजन सुनते थे और नोट्स बनाते थे। उन्होंने 96% अंक हासिल किए हैं। उनका कहना है कि परिवार ने उन पर कभी दबाव नहीं डाला, जिससे उन्हें बेहतर पढ़ाई का माहौल मिला। उनका सपना है कि वे प्रोफेसर बनें और बच्चों को पढ़ाएं।
कजिन सिस्टर बनीं गुरु, संजना ने पाई शानदार सफलता
रायपुर की साई संजना को 10वीं में 98.33% अंक मिले हैं। उन्होंने इंग्लिश में पूरे 100 और गणित में 99 अंक प्राप्त किए। पढ़ाई में उनकी कजिन सिस्टर बी पल्लवी ने उन्हें गाइड किया।
उन्होंने यूट्यूब से भी मदद ली और नोट्स पर फोकस किया। संजना ने परीक्षा की तैयारी 6 महीने पहले शुरू कर दी थी और अब सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ रही हैं।
रिजल्ट की खबर फोन से मिली, पता चला कि टॉप कर गई
रायपुर की पल्लवी वर्मा ने 12वीं में पूरे छत्तीसगढ़ में छठवां स्थान पाया है। उन्होंने 96.6% अंक प्राप्त किए। पल्लवी उस वक्त कोचिंग क्लास में थीं जब रिजल्ट आया।
फोन पर जब बधाइयां मिलने लगीं, तभी उन्हें पता चला कि उन्होंने टॉप किया है। पल्लवी चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती हैं और इसके लिए कोचिंग भी ले रही हैं। उनका मानना है कि टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करना, सोशल मीडिया से दूरी रखना और डाउट्स क्लियर करते रहना उनकी सफलता की कुंजी रहे।
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Source -Daainik Bhaskar