
CG News : मेकाहारा अस्पताल में आधी रात लगी भीषण आग, मची अफरा-तफरी, फायर ब्रिगेड की तत्परता से टला बड़ा हादसा
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित राज्य का सबसे बड़ा सरकारी चिकित्सा संस्थान, डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल हॉस्पिटल (मेकाहारा), एक बार फिर चर्चा में है। इस बार कारण है – शनिवार देर रात अस्पताल परिसर में लगी भीषण आग, जिसने रात के सन्नाटे में हड़कंप मचा दिया।
क्लिनिकल पैथोलॉजी लैब में लगी आग:
मिली जानकारी के अनुसार, यह आग अस्पताल के प्रथम तल पर स्थित कमरा नंबर 152, जहां क्लिनिकल पैथोलॉजी लैब है, में लगी। यह हादसा आधी रात के करीब हुआ, जब अधिकांश स्टाफ अपने विश्राम कक्षों में था। आग लगने की खबर मिलते ही पूरे अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
दमकल टीम की तत्परता से टला बड़ा हादसा:
घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया गया। यदि समय पर आग पर काबू नहीं पाया जाता, तो अस्पताल की अन्य इकाइयों तक इसका असर पहुँच सकता था, जिससे बड़ी जान-माल की हानि की संभावना बन सकती थी।
कारण स्पष्ट नहीं, शॉर्ट सर्किट की आशंका:
फिलहाल, आग लगने के सटीक कारणों की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है। लेकिन अस्पताल प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंचे:
घटना की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल अधीक्षक, वरिष्ठ चिकित्सक, और मौदहापारा थाना पुलिस के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। साथ ही, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का निरीक्षण किया।
फाइलें और उपकरण जले, कोई जनहानि नहीं:
सबसे राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि लैब में मौजूद कुछ मेडिकल उपकरण और महत्वपूर्ण दस्तावेज व फाइलें जलकर खाक हो गए हैं। लेकिन समय रहते कार्रवाई से मरीजों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
जांच के आदेश, सुरक्षा समीक्षा शुरू:
घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने तत्काल आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, सुरक्षा व्यवस्था की पुनः समीक्षा की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो। मौदहापारा थाना पुलिस ने भी मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
इस घटना के व्यापक प्रभाव:
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सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा प्रणाली पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं।
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मरीजों और उनके परिजनों में आशंका और चिंता का माहौल बन गया है।
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इलेक्ट्रिकल सुरक्षा, शॉर्ट सर्किट प्रबंधन और भवन निरीक्षण को लेकर नई गाइडलाइन की मांग हो रही है।
जनता और मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि:
ऐसी घटनाएं इस बात की याद दिलाती हैं कि जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, खासकर स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में। अस्पताल प्रशासन को फायर सेफ्टी ऑडिट, उपकरणों की जांच, और आपातकालीन प्रशिक्षण को प्राथमिकता देनी होगी।
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