
CG News पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का आरोप – आदिवासी संसाधनों की लूट में जुटी भाजपा, नक्सली मामलों में फंसाए जा रहे निर्दोष ग्रामीण
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने बीजापुर जिले के दौरे के दौरान राज्य की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार खनिज संसाधनों को निजी हाथों में सौंप रही है और आदिवासी क्षेत्रों में बिना जनसम्मति के खनन शुरू करके वहां की भूमि और संसाधनों की खुली लूट को बढ़ावा दे रही है।
बीजापुर में एक दिन के दौरे पर पहुंचे बघेल ने भोपालपटनम ब्लॉक के कुचनूर क्षेत्र में स्थित कोरंडम खदान का स्थल निरीक्षण किया। इसके बाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने इस खदान परियोजना को बिना ग्रामसभा की स्वीकृति के आरंभ कर दिया है, जो कि संविधान और पंचायत (अनुसूचित क्षेत्र विस्तार) अधिनियम – PESA के स्पष्ट उल्लंघन के अंतर्गत आता है।
“बिना अनुमति खनन, तेंदूपत्ता क्षेत्र में भी खनन कार्य शुरू”
बघेल ने कहा कि जहां पर तेंदूपत्ता तुड़ाई जैसी पारंपरिक आजीविका गतिविधियों पर पाबंदी है, उसी इलाके में खनन कार्य शुरू कर देना समझ से परे है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार खदानों को निजी कंपनियों को सौंपकर आदिवासियों के अधिकारों की अनदेखी कर रही है।
“नक्सल-मुक्त गांव योजना अव्यवहारिक, मुखियाओं की जान खतरे में”
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार की नक्सल-मुक्त गांव योजना को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि इस योजना के तहत गांवों को एक करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव ग्रामीणों और उनके मुखियाओं की जान को खतरे में डाल सकता है। उन्होंने दावा किया कि यह योजना जमीनी हकीकत से कोसों दूर है।
“नक्सल ऑपरेशन पर सवाल, शव कई दिनों तक क्यों रखे गए?”
करेगुट्टा नक्सल ऑपरेशन पर भी बघेल ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में मारे गए 31 नक्सलियों के शव कई दिनों तक सुरक्षित क्यों रखे गए? और इन जानकारियों को मीडिया से क्यों छिपाया गया? उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच की मांग की।
“निर्दोष आदिवासी फंसाए जा रहे नक्सली मामलों में”
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली मामलों में जबरन फंसाया जा रहा है। उन पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की धाराएं लगाई जा रही हैं, जबकि असल दोषियों तक प्रशासन नहीं पहुंच पा रहा है। कई निर्दोष आदिवासी जेलों में बंद हैं और पुलिसिया कार्रवाई के डर से अपने गांव छोड़ने को मजबूर हो चुके हैं।
“हर बार भाजपा शासन में आदिवासी पलायन को मजबूर”
बघेल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के हर कार्यकाल में आदिवासियों को पलायन करना पड़ा है। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार को सभी संदिग्ध मामलों की निष्पक्ष जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन करना चाहिए, जिससे सच्चाई सामने आ सके।
“विकास सिर्फ नारों और होर्डिंग्स तक सीमित है”
बघेल ने भाजपा सरकार पर विकास कार्यों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि वह सिर्फ प्रचार-प्रसार और विज्ञापनों में व्यस्त है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस शासन में शुरू की गई अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं को वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है, जिससे साफ है कि सरकार की प्राथमिकता में आम जनता नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट हित हैं।
Source – Amar Ujala