
CG Breaking News 40 साल पुरानी नकटी बस्ती उजाड़ने की तैयारी, विधायकों के लिए बंगले बनाने ग्रामीणों को मिल रहा हटने का अल्टीमेटम
नवा रायपुर के अंतिम छोर पर बसा नकटी गांव इन दिनों प्रशासनिक कार्रवाई के डर से सहमा हुआ है। करीब 85 परिवारों को अतिक्रमण का हवाला देकर घर खाली करने का नोटिस दिया गया है। इस जमीन पर विधायकों और सांसदों के लिए नए बंगले बनाए जाने की योजना है।
करीब 40 साल पुराने इस गांव में आज भी अधिकतर कच्चे-पक्के घर हैं, लेकिन गांव के लोगों को यह जमीन अब अवैध बताई जा रही है। महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे अब अपने घर बचाने के लिए धरने पर बैठ गए हैं। गांव के लोग कह रहे हैं कि यह हमारी पुरखों की जमीन है, हम इसे नहीं छोड़ सकते।
चारागाह की जमीन को अतिक्रमण बताकर हटाने की तैयारी
जिस भूमि पर लोगों के घर हैं, वह करीब 38 एकड़ की चारागाह की जमीन है। यहां लगभग 300 लोग वर्षों से रह रहे हैं। मूल नकटी गांव के निवासियों के रिश्तेदारों और बच्चों ने यहां घर बसाए, जो आज एक पूरे मोहल्ले का रूप ले चुका है।
सरकार ने खुद दी थीं सुविधाएं, अब अवैध क्यों?
यह विरोध तब और भी प्रबल हो गया जब ग्रामीणों ने बताया कि बिजली, पानी, सड़क, और यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान निर्माण के लिए शासन ने खुद सहायता दी थी। अब जब इस जगह की भूमि वैल्यू बढ़ गई है, तो सांसदों और विधायकों के लिए यहां बंगलों की योजना तैयार की जा रही है।
बस्तियों को उजाड़कर कैसे होंगे जनप्रतिनिधि सुरक्षित?
प्रशासन की कार्रवाई से आहत गांव वालों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा और सुविधा के नाम पर गरीबों के घर उजाड़े जा रहे हैं। यदि विधायक बंगला बनाएंगे, तो इलाके की ज़मीन की कीमतें पांच गुना तक बढ़ेंगी, जिससे पहले से ही जमीन खरीद चुके प्रभावशाली लोग लाभान्वित होंगे।
पूरा घटनाक्रम और राजनीतिक रुख
21 मार्च 2025: विधानसभा सत्र में विधायक धर्मजीत सिंह के सवाल पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने बताया कि नवा रायपुर में जनप्रतिनिधियों के लिए जमीन देखी जा रही है।
17 अप्रैल: ग्रामीणों को तहसीलदार ने नोटिस जारी किया, 28 अप्रैल तक अतिक्रमण हटाने को कहा गया।
20 अप्रैल: गांव में धरना शुरू, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग आंदोलन में शामिल।
जनप्रतिनिधियों के पहले से मौजूद ठिकाने
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रिंग रोड स्थित विधायक कॉलोनी
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राजेंद्र नगर में विश्राम गृह
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सिविल लाइन में विधायक-सांसदों के लिए आधुनिक गेस्ट हाउस
सांसद बृजमोहन अग्रवाल का समर्थन
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि किसी का आशियाना नहीं उजाड़ा जाएगा। उन्होंने पहले भी इस प्रस्ताव को स्थगित करवाया था और अब भी लोगों के साथ खड़े हैं।
ग्रामीणों की पीड़ा
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सरपंच बिहारीलाल यादव: “सरकार ने ही सुविधाएं दीं, अब इसे अवैध कैसे कहा जा सकता है?”
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चमेली साहू: “दादा-परदादा के समय से यहीं रह रहे हैं, अब हम कहां जाएं?”
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राम बाई (70 वर्ष): “इस उम्र में उजड़ने की पीड़ा सबसे बड़ी है।”
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